पालमपुर। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि राज्य सरकार और जनता के लिए यह एक बहुत बड़ी चिन्ता और शर्म की बात है कि 14 वर्ष पहले धर्मशाला के लिए केन्द्र सरकार से स्वीकृत केन्द्रीय विश्वविद्यालय के भवन का निर्माण अभी शुरू भी नही हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता शान्ता कुमार ने मंगलवार को एक बयान जारी कर राज्य सरकारों के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहाकि पूरे भारत में इस प्रकार का कोई नालायक प्रदेश नही है, जहां केन्द्र सरकार से विश्वविद्यालय की स्वीकृति मिलने के 14 साल तक उसके भवन का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो सका। सभी प्रदेशों में सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालय अपने अपने भवनों में काम कर रहे हैं।
भाजपा नेता शांता कुमार ने कहा कि इस सम्बंध में सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। निर्माण कार्य शुरू करने में एक मात्र रुकावट यहीं है कि हिमाचल सरकार का 30 करोड़ रुपये अभी तक जमा नही हुआ है। मात्र इसी कारण से इतना महत्वपूर्ण काम रुका हुआ है। यह बहुत बड़े दुर्भाग्य की बात है। एक हिमाचली के नाते मैं शर्मिदा हूं।
कुमार ने कहा कि शिमला के बाद धर्मशाला दूसरा प्रमुख नगर है। हवाई सेवा सहित सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। पढ़ने और पढ़ाने वाले यहां पर खुशी से आना चाहते है। धर्मशाला का कैम्पस बहुत अधिक सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भी 550 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता स्वीकृत दे चुकी है। उसमें से आधा धन देहरा में खर्च होगा। देहरा का निर्माण कार्य शुरू हो चुका हैं। कुमार ने कहा कि यह बड़ा अन्याय कांगड़ा जिले से पिछले 14 वर्ष से हो रहा है। इसससे लोग अधिक दुखी हैं और क्रोधित भी। इससे पहले कि यहां पर कोई बड़ा आन्दोलन शुरू हो हिमाचल प्रदेश सरकार को अतिशीघ्र 30 करोड़ रुपये जमा करवा कर भवन का निर्माण शुरू करवा देना चाहिए।