शिमला: हिमाचल में कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन का मामला सुलझ गया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहेंगे. कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवक्षकों ने शिमला में गुरुवार को यह ऐलान किया है. इसके साथ ही राज्यसभा सीट हारने की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने ऊपर ली है. प्रदेश में कांग्रेस सरकार और संगठन के बीच तालमेल के लिए छह सदस्यीय कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई गई है.
कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर शिमला पहुंचे कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार और संगठन के बीच तालमेल के लिए छह सदस्यीय कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह इसके सदस्य होंगे. जबकि तीन सदस्य हाई कमान की ओर से तय किए गए हैं, जिनका ऐलान दिल्ली में किया जाएगा.
केंद्रीय पर्यवेक्षक शिवकुमार ने कहा कि सभी मंत्रियों, विधायकों और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बात हुई है. सब मिलकर इकट्ठे काम करेंगे. भाजपा झूठी अफवाहें फैला रही है. डीके शिव कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे सभी कोई इकट्ठा लेकर चलेंगे. शिवकुमार ने कहा कि पार्टी में अनुशासन जरूरी है और इसके खिलाफ जाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी.
कांग्रेस के दूसरे पर्यवेक्षक हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव हारने का हिमाचल में पार्टी को अफसोस है. उन्होंने कहा कि आज सभी से बात करके मतभेद दूर हुए हैं और पार्टी एक होकर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी. हुड्डा ने कहा कि छह सदस्य कोऑर्डिनेशन कमेटी के तीन सदस्यों का भी चयन कर लिया गया है लेकिन इसकी घोषणा दिल्ली से की जाएगी. यह कमेटी किसी भी मतभेद में सबसे बात करेगी. हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक पांच साल तक सरकार चाहते हैं. यहां कोई भी ऑपरेशन लोटस नहीं होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित करने का फैसला विधानसभा अध्यक्ष का नियमों के अनुसार है. हुड्डा ने यह भी बताया कि बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्यसभा चुनाव के हार की जिम्मेदारी ली है.
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि राज्यसभा चुनाव हारने का पार्टी को दुख है. उन्होंने कहा कि अगली चुनौती लोकसभा चुनाव जीतने की है और हमें कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना है. प्रतिभा सिंह ने कहा कि जो भी सरकार और संगठन के बीच विवाद है. वह आज बातचीत से हल हो गए हैं. इसीलिए संगठन और सरकार के तालमेल के लिए कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी सरकार और पार्टी के मतभेदों को हल करेगी.
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में जो भाजपा ने किया है, वह गलत है. मेरे त्यागपत्र देने की अफवाह भी भाजपा ने फैलाई थी. भाजपा को सता की भूख सता रही है, इसीलिए वह ऐसी चीजों पर उतारू है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के छह विधायकों को कांग्रेस ने नहीं बल्कि विधानसभा नियमों के अनुसार उनकी सदस्यता गई है.
सुक्खू कहा कि यह छह अयोग्य विधायक हिमाचल की जनता का सामना कभी नहीं कर पाएंगे. यह सरकार गिराने का षड्यंत्र है और इसका जनता जवाब देगी. उन्होंने कहा कि यह छह विधायक हमारे भाई हैं. अगर वह वापस आते हैं तो उनका स्वागत हैं.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार