शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में मची उठक पटक के बाद बुधवार (28 फरवरी) सुबह सुक्खू सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया था. लेकिन केन्द्रीय पर्यवेक्षकों के हस्तक्षेप के बाद बुधवार शाम को विक्रमादित्य सिंह ने अपना त्याग पत्र वापिस ले लिया है.
हिमाचल के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने बताया कि केन्द्रीय पर्यवेक्षकों से बातचीत के बाद विक्रमादित्य सिंह ने अपना त्याग पत्र वापिस ले लिया है. वहीं विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि केन्द्रीय पर्यवेक्षकों कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी शिव कुमार व हरियाणा और छतीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्रियों भूपेंद्र हुडडा और भूपेश वघेल से सारी बातचीत के बाद मैंने अपना त्याग पत्र वापिस ले लिया है. उन्होने बताया कि उनकी केन्द्रीय पर्यवेक्षकों से बातचीत हुई है और उन्होने आश्वासन दिया है जो भी बातें उन्होने रखी हैं उन पर विचार किया जाएगा और केन्द्रीय नेतृत्व को अवगत करवाया जाएगा. केन्द्रीय पर्यवेक्षकों सभी से बात कर उनकी राय जान रहे हैं.
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि व्यकित से महत्वपूर्ण संगठन होता है. पार्टी के हित में मैंने यह निर्णय लिया है. मैनें सुबह अपने त्याग पत्र की पेशकश की थी. मेरे त्याग पत्र को सीएम ने स्वीकार नहीं किया है. मैं पार्टी का सिपाही और जतना की सेवा के लिए हूं. जनता की सेवा का जरिया सरकार है. हम आगे मजबूती के साथ आगे बढने की कोशिश करेंगे. इसलिए मैं अपना त्याग पत्र वापिस ले रहा हूं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार