शिमला: हिमाचल प्रदेश में हर पर बदलती राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राज्य विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. इससे भाजपा के 15 विधायकों के निष्कासन के बाद सुक्खू सरकार के गिरने का खतरा फिलहाल टल गया है.
विधानसभा में दोपहर बाद विपक्ष की अनुपस्थिति में हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2024 के पारित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि अब विधानसभा में कोई भी काम शेष नहीं बचा है. अतः विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाती है.
इससे पहले तय शेड्यूल के अनुसार हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 29 फरवरी तक प्रस्तावित था. लेकिन मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के बाद राजनीतिक घटनाक्रम बदल गया. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के स्थगित कर दिया गया है.विधानसभा के अनिश्चितकालीन स्थगित होने के बाद अब प्रदेश सरकार के गिरने का फिलहाल कोई खतरा नहीं है.
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सदन में कांग्रेस की छह सदस्यों के अनुपस्थित रहने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दो बार व्हिप जारी किया था और इन दोनों ही बार यह छह विधायक अनुपस्थित रहे हैं. यह व्हिप का उल्लंघन है. अतः इनके ऊपर दल बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाए.
इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि दल बदल कानून का मामला मेरे संज्ञान में है. मैंने इस आज दोपहर 1:00 बजे के बाद सुनवाई की है. अब शाम को 4 बजे फिर सुनवाई करूंगा. उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा के 15 विधायकों का निष्कासन इस सत्र के लिए किया गया है.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 14 फरवरी को आरंभ हुआ था और यह 29 फरवरी तक प्रस्तावित था. वर्तमान प्रदेश कांग्रेस सरकार का यह दूसरा बजट था. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुख्खू ने 17 फरवरी को सदन में बजट पेश किया था. सत्र के बीच ही मंगलवार 27 फरवरी को राज्यसभा का चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के छह विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद राजनीति गरमा गई. कांग्रेस के 40 विधायक होते हुए भी कांग्रेस उम्मीदवार को 34 ही विधायकों के मत मिले.
तीन निर्दलीय सदस्यों ने भी भाजपा के पक्ष में मतदान किया. ऐसे में दोनों प्रमुख दलों को 34-34 वोट मिले. इसके बाद पर्ची से भाजपा के हर्ष महाजन विजय उम्मीदवार रहे और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा.
इससे पहले भाजपा ने मंगलवार को बजट के कटौती प्रस्तावों पर डिवीज़न ऑफ वोट मांगा था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर दिया था. भाजपा विधायक दल यह मामला लेकर आज ही राज्यपाल के पास भी लेकर गए थे. कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों के चलते सदन में सरकार पर बहुमत का खतरा था. लेकिन भाजपा के 15 विधायकों के निष्कासन के बाद वह खतरा टल गया. अब बजट पास होने व विधानसभा अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित होने के बाद सरकार पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार