शिमला: हिमाचल में राज्यसभा चुनाव पर कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिघवीं ने कहा है कि हारते-हारते भी इतिहास बनाया है. उन्होंने कहा कि जब कोई पार्टी 43-25 का आंकड़ा होने बावजूद अपना उम्मीदवार बनाती है तो उसका एक ही संदेश जाता है कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए खरीद-फरोख करेगी और उसके लिए कोई भी हथकंडा अपनाएगी.
सिंघवी ने कहा कि यह बदलता भारत है और हिमाचल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. शायद भाजपा की यही नए भारत की परिभाषा है. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में दोनों ही दलों को 34-34 वोट मिले हैं और एक भी वोट दूसरे विकल्प के तौर पर नहीं पड़ा है. सिंघवी ने कहा कि चुनाव का फैसला ड्रॉ से हुआ है, जो भाजपा के पक्ष में गया.
सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराया है. उन्होंने कहा कि जिन कांग्रेस विधायकों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया है वे मतदान की सुबह तक मेरे साथ रहे. इनमें से कई ने तो मेरे नामांकन पर हस्ताक्षर किए हैं. लेकिन फिर भी इन विधायकों ने पार्टी को छोड़कर मतदान किया है.
गौरतलब है कि मंगलवार को हिमाचल की एक सीट के लिए राज्यसभा को चुनाव में कांग्रेस के 40 विधायक होने के बावजूद हुए भी 34 ही विधायकों के वोट मिले हैं जिससे मुकाबला बराबरी पर रहा और टाई से भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन की जीत हुई और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिघवीं को टाई से आए परिणाम में हार का सामना करना पड़ा.
हिमाचल में कांग्रेस के 40 विधायक हैं और तीन निर्दलीय का भी उसे समर्थन था लेकिन कांग्रेस के छह विधायकों और तीन निर्दलीय ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार