शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए आज मतदान हो रहा है. विधानसभा परिसर में बनाये गए मतदान केंद्र पर सुबह 9 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मतदान अपरान्ह 4 बजे तक चलेगा और 5 बजे से मतगणना होगी.
जानकारी अनुसार अभी तक प्रदेश के 68 में से 67 विधायकों ने वोट डाल चुके हैं. इनमें कांग्रेस के 39, भाजपा के सभी 25 और 3 निर्दलीय विधायक वोट डाल चुके हैं. कांग्रेस के चिंतपूर्णी से विधायक सुदर्शन सिंह बबली बीमार होने की वजह से अभी तक मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सके हैं. वह हार्ट अटैक आने के बाद से अस्पताल में भर्ती हैं. कांग्रेस का दावा है कि वोटिंग खत्म होने से पहले उन्हें मतदान केंद्र लाया जाएगा. इसके लिए कांग्रेस ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह को जिम्मा सौंपा गया है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा ने हर्ष महाजन पर दांव खेला है. हर्ष महाजन कांग्रेस से भाजपा में आए हैं. वह कांग्रेस के मंत्री भी रहे हैं.
हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं, जिससे उनका उम्मीदवार का चुना जाना तय था लेकिन फिर भी विधानसभा में 25 विधायकों वाली भाजपा ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतार कर चुनावी जंग को रोचक बना दिया. राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए 35 विधायकों के वोट की जरूरत है. कांग्रेस में विधायकों के तेवर को देखते हुए भाजपा को जीत की संभावना नजर आ रही है. उसी के चलते उन्होंने अपना उम्मीदवार उतारा है.
इस संबंध में सोमवार की रात कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री ने बैठक की. इस बैठक में कांग्रेस उम्मीदवार समेत प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हुए थे. कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग की आशंका के चलते व्हीप भी जारी किया हुआ है, वहीं भाजपा ने चुनाव आयोग से व्हीप को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज की है. भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने कहा है कि यह विधायकों को डराने का काम है. कांग्रेस पार्टी कानूनी तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए व्हीप जारी नहीं कर सकती है. इसके अतिरिक्त कांग्रेस ने तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा किया है.
मतदान के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जीत का दावा करते हुए कहा कि सभी विधायकों ने पार्टी की विचारधारा पर अपने मत का इस्तेमाल किया है. पार्टी पूरी तरह से एकजुट हैं और सभी कांग्रेस विधायक सरकार के साथ हैं. विपक्षी भाजपा पैसे की अंतरात्मा की बात कर रही है क्योंकि भाजपा की कोई अंतरात्मा नहीं है, पैसा ही उनकी अंतरात्मा है. अगर कोई पार्टी की सोच से हटकर वोट डालता है तो उसमें सौदेबाजी का अंदेशा होता है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि सभी विधायक कांग्रेस पार्टी के पक्ष में वोट डालेंगे, हालांकि कुछ लोगों की नाराजगी जरूर हो सकती है लेकिन पार्टी विचारधारा से हटकर कोई भी विधायक वोट नहीं डालेगा. भाजपा ने जरूर उम्मीदवार देखकर सरकार को मुश्किल में डालने का प्रयास किया है लेकिन सरकार अपना बहुमत स्थापित करेगी और जो लोग नाराज हैं, उसको लेकर सरकार को गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है. अभी भी सरकार के पास काफी समय बचा है सभी लोगों को साथ में लेकर चलना होगा.
कांग्रेस के नाराज विधायक राजेन्द्र राणा और सुधीर शर्मा पर नजर
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के दो वरिष्ठ विधायक राजेन्द्र राणा और सुधीर शर्मा के रुख पर सभी की नजरें टिकी हैं. भाजपा उम्मीद लगाए बैठी है कि दोनों कांग्रेसी विधायक चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा. दरअसल दोनों विधायक मंत्री न बनाये जाने पर प्रदेश की सुक्खू सरकार से नाराज़ चल रहे हैं. राजेन्द्र राणा ने तो कुछ दिन पहले अपने विधानसभा हल्के सुजानपुर में समर्थकों को सम्बोधित करते हुए भाजपा में जाने की बात कर दी थी. दोनों विधायकों ने मीडिया में यह भी कहा है कि अब मंत्री बनाने का ऑफर मिलने पर वे इस पद को भी स्वीकार नहीं करेंगे.
बता दें कि राजेन्द्र राणा ने वर्ष 2017 के विस चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराकर सनसनी मचा दी थी. राजेन्द्र राणा धूमल के मीडिया सलाहकार भी रह चुके हैं. सुधीर शर्मा धर्मशाला से कांग्रेस के विधायक हैं और पूर्व वीरभद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं. राजेन्द्र राणा और सुधीर शर्मा दिवंगत वीरभद्र सिंह के करीबियों में शामिल रहे हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार