मंडी: हिमाचल प्रदेश राजकीय कालेज शिक्षक संघ एचजीसीटीए की राज्यकार्यकारिणाी की आमसभा का आयोजन मंडी के राजकीय वल्लभ महाविद्यालय में किया गया. इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विश्व विद्याालय एवं सरदार पटेल विश्वविद्यालय के अधनस्थ कालेजों के प्राध्यापकों ने भाग लिया. एसोसिएशन ने लंबे समय से चली आ रही मांगों को लेकर प्रस्ताव पारित कर इन्हें सरकार से पूरा करने की मांग की है.
एसोसिएशन ने कहा कि हम सौहार्दपूर्ण तरीके से सरकार और प्रशासन के समक्ष अपनी मांगों को रखने जा रहे हैं, ताकि इनका समाधान हो सके. यहां पत्रकारों से बात करते हुए वनीता सकलानी ने कहा कि इसके बावजूद भी अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो मजबूरन संघर्ष की रणनीति बनानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि कांट्रेक्ट टीचर की प्रथम नियुक्ति से ही सारे सेवा लाभ प्रदान किए जाएं. वहीं पर शिक्षकों को टाइम स्केल दिया जाए, गत छह सालों से एक ही स्केल दिया जा रहा . इसके अलावा पीएचडी करने के लिए स्टडी लीव के अलावा बिना किसी व्यवधान के पीएचडी करने की छूट दी जाए.
उन्होंने बताया कि ऑन लाइन इवैल्यूवेशन को बंद कर ऑफ लाइन आधार पर सैंटर लेवल पर इवैल्यूवेशन की जाए. जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रूसा प्रणाली पूरी तरह से फेल हो चुकी है. जिसमें साल भर परीक्षएं देनी पड़ती थी. अब न्यू एजूकेशन पॉलिसी 2020 को कुछ सुधारों के साथ लागू किया जाना चाहिए.
प्रदेश के दो विश्व विद्यालयों हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय और मंडी स्थित सरदार पटेल विश्व विद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए वनिता सकलानी ने कहा कि दोनों ही विवि में परीक्षा परिणाम देरी से निकाले जा रहे हैं. जिससे छात्रों का भविष्य दांव पर लगा रहता है. क्योंकि पिछली कक्षा का परिणाम समय पर नहीं निकलने से छात्र अगली कक्षा की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में खोले जा रहे कालेजों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कालेज खोलने से किी को कोई ऐतराज नहीं हैं. लेकिन वहां पर मूलभूत ढांचा भवन आदि समय पर खड़ा किया जाना चाहिए. कई कालेज तो पटवार खाने और सीनियर सकैंडरी स्कूलों में खोले गए हैं. इसके अलावा शिक्षकों के रहने के लिए आवास और उनके बच्चों के लिए अच्छे स्कूल खोले जाने चाहिए.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार