शिमला: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में विदेशी शिक्षण संस्थानों के ऑफ कैंपस संस्थान खोलने और उनके साथ सहयोग के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस तरह के किसी भी कदम को आगे बढ़कर प्रोत्साहित करेगी. शिक्षा मंत्री शुक्रवार (23 फरवरी) को विधानसभा में सदस्य चैतन्य शर्मा द्वारा इस संबंध में गैर सरकारी संकल्प दिवस पर लाए गए निजी संकल्प पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे. चैतन्य शर्मा ने बाद में शिक्षा मंत्री के जवाब से संतुष्ट होकर अपना संकल्प वापस ले लिया.
शिक्षा मंत्री ने इस तरह के कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ अल्प अवधि के स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम और प्रतिष्ठित लोगों के दौरे करवाए जा रहे हैं. विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए एक्सपोजर कार्यक्रम के तहत अल्प अवधि के दौरे भी एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत करवाए जा रहे हैं. इसके अलावा विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ रणनीतिक शोध सहयोग भी बढ़ाया जा रहा है और शैक्षिक, शोध, कार्यशालाएं, सेमिनार तथा संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जा रहा है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों के पुराने छात्रों और शिक्षकों के साथ भी विभिन्न शैक्षिक और शोध गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं. विदेशों में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और चिंतकों के नाम से चेयर भी स्थापित की जा रही हैं.
रोहित ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विदेशी शिक्षण संस्थानों के देश में ऑफ कैंपस संस्थान स्थापित करने के लिए मापदंड निर्धारित किए हैं. इसके तहत संयुक्त डिग्री और दोहरा डिग्री के कार्यक्रम भी शामिल हैं. इसके लिए विदेशी संस्थान यूजीसी से अग्रिम अनुमति ले सकते हैं. यूजीसी के मापदंडों के तहत ही देश अथवा विदेश का कोई भी शिक्षण संस्थान विदेशी विश्वविद्यालयों या उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ एमओयू साइन कर सकता है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर निजी संकल्प विधानसभा के शीतकालीन सत्र में लाया गया था.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार