शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा बीते 17 फरवरी को वितीय वर्ष 2024-25 के लिए विधानसभा में पेश बजट पर चर्चा बुधवार (21 फरवरी) को भी जारी रही. चर्चा में सतापक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने हिस्सों लिया. कई मौकों पर पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के बीच नोक-झोंक से सदन का माहौल गरमाया. सतापक्ष ने जहां बजट की खुलकर तारीफ की तो विपक्ष ने इसे गुमराह करने वाला बताया. सीपीएस व कांग्रेस के आशीष बुटेल ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया है. इस बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है.
बुटेल ने कहा कि जब विपक्ष यह कहना शुरू कर दे कि बजट चुनावों को देखते हुए बनाया गया है तो बजट अच्छा बना होता है. इस बजट के अंदर सीएम ने हिमाचल के हितों की बात की है. जब केंद्र सरकार ने लोन लेने की सीमा को घटाया है, आपदा में हुए नुकसान की भरपाई करने को मना किया है. उसके बाद भी बजट में विकास को लेकर कोई आर्थिक तंगी नहीं रखी गई है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के सीएम ने एक बात ठानी है कि हिमाचल की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाएगा. इसको लेकर सीएम लगातार काम कर रहे है. उन्होंने कहा कि बजट में हर वर्ग के विकास की बात कही है. उन्होंने कहा कि 582 करोड़ रुपए का बजट किसानों-बागवानों के लिए रखा है.
बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के अनिल शर्मा ने कहा कि गांरटियों के दम पर कांग्रेस ने हिमाचल में सरकार बनाई. उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोग हर पांच साल में परिर्वतन करते हैं. उन्होंने कहा कि जो आश्वासन सरकार ने दिया क्या वह संभव हो सकता है कि युवाओं को 1 लाख नौकरी देंगे. उन्होंने कहा कि अगर आज हम ओपीएस देते हैं तो 45 हजार करोड़ का लोन ही पेंशन देने को लेना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर विकास का पैसा नहीं मिलेगा तो प्रदेश कहां जाएगा. पेंशन के लिए सरकार को ज्यादा लोन लेना पड़ेगा. जोकि यह धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी सरकार एक ही गारंटी में फस गई है ऐसे में बाकी गारंटियां पूरी करते-करते सरकार परेशान हो जाएगी. लेकिन लोकसभा चुनावों में और गारंटियां सरकार दे सकती है. उन्होंने कहा कि जो कर्ज आज हिमाचल पर है वह अभी से नहीं है पिछे से चलता आ रहा है. उन्होंने कहा कि एक साल के अंदर सरकार 11 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ कह रही है कि कर्ज मुक्त वापिस होगा. लेकिन लोन वापिसी की दर कम होती जा रही है. उन्होंने कहा कि मंडी के अंदर सभी तरह के विकास कार्य बंद हो गए हैं.
कांग्रेस के रवि ठाकुर ने चर्चा में कहा कि सरकार ने जो ई-टैक्सी योजना शुरू की है उसका युवाओं को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस बजट में हर एक वर्ग के लिए कुछ न कुछ रखा गया है. बजट में सरकार ने नए हेलीपोर्ट बनाने का भी प्रावधान रखा हैं जिसके लिए भी सरकार का सराहनीय कदम हैं. इसके अलावा पर्यटन की दृष्टि से कई जगह भी विकसित की जाएगी जिससे हिमाचल में पर्यटकों का फ्लो बढ़ेगा और युवाओं की आमदनी भी बढ़ेगी.
बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के विधायक व पूर्व उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर पिछले बजट की घोषणाओं को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार झूठी घोषणाएं कर जनता को गुमराह कर रही है और धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है. पिछले बजट में प्राइवेट ई-ट्रक व प्राइवेट ई-बस की खरीद पर 50 फीसदी सब्सिडी का एलान हुआ था, लेकिन पूरे प्रदेश में एक भी व्यक्ति ने इनकी खरीद नहीं की. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी घोषणाएं कर रही है, जो कि व्यवहारिक नहीं हैं. उन्होंने जसंवा प्रागपुर में लोकनिर्माण विभाग के डिविजन में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि हल्के के स्थानीय व आम लोगों को विभाग के ठेको नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने इस मामले पर लोकनिर्माण विभाग से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले बजट में मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ाई थी, लेकिन उनके विधानसभा हल्के जसवां परागपुर की पंचायतों में कई कामगारों को बढ़ी हुई दिहाड़ी नहीं मिली. उन्होंने प्रदेश सरकार पर कांगड़ा जिला से भेदभाव करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार की करनी व कथनी में अंतर है. विक्रम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार यहां लगने वाले उद्योगों को राहत नहीं दे रही है.
इस पर मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार पारदर्शिता में विश्वास रखती है और उद्योग लगाने के दौरान हिमाचल के हितों के साथ किसी भी सूरत में समझौता नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में उद्योग लगाने में गड़बड़ियां हुई हैं. पिछली सरकार ने उद्योग लगाने के लिए एक रूपये लीज पर जमीन और तीन रूपये युनिट की दर से बिजली दी है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार राज्य में लगने वाले उद्योग से जमीन व बिजली की पूरी काॅस्ट ली जा रही है. इस मुददे पर मुख्यमंत्री सुक्खू व पूर्व उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर के बीच नोकझोंक भी हुई.
बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वितीय संकट के बीच बेहतरीन बजट पेश किया और बजट के आकार में पांच हजार करोड़ की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एक साल में राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने में कई कदम उठाए गए. विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई सुखाश्रय योजना की तारीफ की. उन्होंने बजट में विधवाओं ंके बच्चों की शिक्षा का खर्चा सरकार द्वारा उठाने के निर्णय की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार ने वाटर सैस लगाकर राज्य की आमदनी को बढ़ाने का प्रयास किया है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मनरेगा की दिहाड़ी में 60 रूपये की बढ़ौतरी का विपक्ष को स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिमाचल को केंद्र से मिलने वाली ग्रांट लगातार कम हो रही है. वहीं केंद्रीय प्रयोजित स्कीमों के तहत मिलने वाली धनराशि भी कम हो रही जो गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि हिमाचल को उसका अधिकार मिलना चाहिए. उन्होंने केंद्र से हिमाचल को मिलने वाली मदद पर श्वतेपत्र जारी किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं की आवाज को पूरी मजबूती के साथ उठाया जा रहा है. जेओए भर्ती में आ रही दिक्कतों को उन्होंने कैबिनेट की बैठक में गंभीरता से उठाया है और इसके निराकरण के लिए मुख्यमंत्री ने उपमुख्यंत्री की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की कारगुजारियों से यह समस्या खड़ी हुई है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रभू श्री राम किसी की जागीर नहीं हैं. पार्टी विशेष या इलाका विशेष के मूरीद नहीं है. उन्होंने कहा कि हिमाचल देवी देवताओं की भूमि है और हम सब स्नातनी व हिंदू हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में धर्मांतरण का कानून लेकर आई थीं. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आने वाले समय में हिमाचल को राम राज्य बनाने की ओर आगे बढ़ाया जाएगा. उस राम राज्य में सभी को समानता के अधिकार होंगे.
भाजपा के राकेश जंबाल ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि बजट को आंकड़ों का जाल और खोखला करार दिया. उन्होंने कहा कि बजट में प्रदेश की जनता के लिए कुछ नहीं है. वर्तमान सरकार पूर्व सरकार की योजनाओं का नाम बदलकर उनका श्रेय लेने का प्रयास कर रही है. जंबाल ने कहा कि पिछली सरकार के अटल आदर्श विद्यालय का नाम बदलकर राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल रखा गया है. बजट में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने की घोषणा तो हुई, लेकिन एक भी स्कूल नहीं बनाया गया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने अखंड शिक्षा ज्योति योजना का नाम बदलकर अपना विधालय मेरा विद्यालय मेरा सम्मान योजना रख दिया हैं पूर्व सरकार द्वारा शुरू किए गए जनमंच को बदलकर इसका नाम सरकार गांव के द्वार किया गया.
उन्होंने प्रदेश सरकार पर मंडी जिला से भेदभाव करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने मंडी में सरदार पटेल विवि की स्थापना की है, लेकिन मौजूदा सरकार इसे बंद करने की नीयत से काम कर रही है. इसी तरह मंडी के शिव धाम की स्थापना की जा रही थी. वर्तमान सरकार में शिव धाम का काम ठप पड़ा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उनके सुंदरनगर हल्के में कई संस्थान बंद किए और पिछले 14 महीने में एक भी बंद संस्थान को बहाल नहीं किया गया.
कांग्रेस के इंद्रदत लखनपाल ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा हर मुददे पर विरोध करना सही नहीं है. प्रदेश में आई आपदा पर केंद्रीय मदद के लिए विपक्ष को पैरवी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शिमला शहर के डिवलपमेंट प्लान पर सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी शहरवासियों के लिए बड़ी राहत है. इंद्रदत लखनपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की ओपीएस गारंटी को पूरा कर दिखाया है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का नौ हजार करोड़ केंद्र के पास जमा है और इस पैसे को कर्मचारियों केा दिलाने में विपक्ष को मदद करनी चाहिए. उन्होंने बजट में किसानों के लिए हुई घोषणाओं का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कि केंद्र सरकार देश में किसानों को एमएसपी नहीं दे रही है. जबकि प्रदेश सरकार ने दूध के खरीद समर्थन मूल्य में बढ़ौतरी को एतिहासिक करार दिया. उन्होंने बजट में एकल व विधवा नारियों के लिए घर निर्माण के लिए तीन लाख रूपये की घोषणा की भी सराहना की.
भाजपा के हसंराज ने कहा कि प्रदेश सरकार समृद्व व खुशहाल हिमाचल बनाने की बात कर रही है, लेकिन उनके चुराह हल्के में शिक्षा व स्वास्थ्य संस्थानों को सशक्त करने पर सरकार गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि बजट में चंबा जिला की योजनाओं को ज्यादा तरजीह नहीं दी गई. हंसराज ने कहा कि चंबा जिला विकास के लिहाज से कमजोर है और कोई भी योजना की शुरूआत चंबा से होनी चाहिए. उन्होंने प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पर्यटन और बिजली उत्पादन की दिशा में कदम उठाने का सुझाव दिया. हंसराज ने राजीव गांधी बोर्डिंग डे स्कूल खोलने की बजाय प्रत्येक विधानसभा हल्के में चार स्कूलों को चिन्हित कर इनका आधारभूत ढांचा मजबूत करने का भी सुझाव सरकार को दिया.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार