शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ. नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को अपने आसन से उठकर सदस्यों को शांत करवाना पड़ा. इस दौरान विपक्षी सदस्य मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग करने लगे.
बुधवार (21 फरवरी) को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत मामला उठाते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री सदन में ही झूठ बोलेंगे तो फिर कैसे किस पर विश्वास किया जा सकता है. उन्होंने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र के पृष्ठ नंबर 38 को पढ़ते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट लिखा है कि सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में एक लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी. इससे विभागों में रिक्त पद भरे जाएंगे. साथ ही लिखा है कि पांच साल में पांच लाख लोगों को रोजगार देंगे. बीते रोज जब वे इस मामले को उठा रहे थे तो मुख्यमंत्री कह रहे थे कि ऐसा नहीं कहा और कहा कि एक लाख रोजगार देने की बात कही थी.
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो उनकी बात पर विरोध करते हुए जो शब्द प्रयोग किए थे, उन्हें कार्यवाही से हटा दिया जाए. उधर, दोनों ओर से शोरगुल बढ़ने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि जिस घोषणा पत्र को लेकर वह बात कर रहे हैं, उसे सदन के पटल पर रखा जाए, वे खुद इसे पढ़ेंगे. नेता प्रतिपक्ष इसे सदन के पटल पर रखने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इसे पढ़ा, जिसमें लिखा था कि सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में एक लाख सरकारी नौकरी दी जाएगी और खाली पदों को भरा जाएगा. उनके इसे पढ़ने के बाद सदन में विपक्षी सदस्यों ने फिर भारी शोरगुल किया और मुख्यमंत्री ने सदन में झूठ बोला है. फिर विधानसभा अध्यक्ष अपनी सीट पर खड़े हो गए और सभी को शांत करने का प्रयास किया.
इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस की 10 गारंटियां अलग हैं और चुनाव घोषणा पत्र अलग है. उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने बीते रोज जो बात कही थी, वह गारंटी की कही थी. उन्होंने कहा कि अगर घोषणा पत्र में भी यह लिखा है कि एक साल में सरकारी नौकरी देंगे, तो हम देंगे. उन्होंने सदन में आश्वासन दिया कि 30 हजार नौकरी इसी साल निकाल ली हैं. उन्होंने कहा कि आईपीएच में 10 हजार, पुलिस में 1261, पटवारी के 984 सहित वन मित्र और अन्य पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है.
इस बीच, जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले कल जब यह मामला उठा तो हमने यही बात कही थी. उन्होंने कहा कि आज सदन में यह दस्तावेज सामने लाया गया है, जिसमें सब स्पष्ट हो गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में जो झूठ बोला है, उसे लेकर उन्हें माफी मांगनी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि या आप इस बात को मान लीजिए कि जब यह दस्तावेज बन रहा था तो आपको विश्वास में नहीं लेते थे और आप इसका हिस्सा नहीं थे.
इस बीच, अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया और कहा कि वे सारे मामले को देखेंगे और फिर कदम उठाएंगे. उधर, मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का एक गारंटी पत्र था और दूसरा प्रतिज्ञा पत्र था. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पांच साल में पांच लाख लोगों को रोजगार देगी और एक लाख सरकारी पदों को भरेंगे. इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार