शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क के मुद्दे पर सदन में हंगामा हुआ. प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य बिक्रम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले पर सरकार की उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके निर्माण में देरी की जा रही है. उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो टूक कहा कि राज्य सरकार हिमाचल के हितों से किसी भी तरह का न तो खिलवाड़ करेगी और न ही प्रदेश के हितों को बेचा जाएगा. इसी बीच, विपक्षी सदस्यों ने कहा कि उनकी कुछ और शंकाएं हैं, जिसका जवाब चाहिए. इसी दौरान विपक्षी सदस्य सदन में शोरगुल करने लगे और फिर वे नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए.
इससे पहले, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर के मूल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अनुपूरक सवाल के जवाब में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रस्तावित मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग पार्क का निर्माण सरकार अपनी शर्तों पर करेगी और जो भी कार्य होगा, वह हिमाचल के हितों को देखते हुए होगा.
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने बल्क ड्रग पार्क के लिए हरोली में 1400 एकड़ जमीन एक रुपए की लीज पर दी है. इसी तरह मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए 400 एकड़ जमीन एक रुपए की लीज पर दी है. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने यहां पर मुफ्त में पानी और तीन रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली देने को लेकर एग्रीमेंट किया था. जबकि सरकार खुद ही इन दिनों बिजली सात रुपए प्रति यूनिट से खरीद रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने कहा था कि बल्क ड्रग पार्क के लिए एक हजार करोड़ रुपए देगी, लेकिन जब डीपीआर बनी तो इसमें सामने आया कि 923 करोड़ रुपए हिमाचल सरकार को देना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार की तरह वे हिमाचल के हितों को कतई बेचने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि वे इस सिलसिले में नीति आयोग और अन्य संबंधित अफसरों से मिले हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल अपनी शर्तों के अनुसार इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि मेडिकल डिवाइस पार्क में हिमाचल सरकार 100 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है और केंद्र से केवल 30 करोड़ रुपए ही मिले हैं.
इससे पहले, मूल सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चैहान ने कहा कि राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से इन प्रोजेक्टों पर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने जाते-जाते इसका शिलान्यास किया था, लेकिन औपचारिकताएं पूरी नहीं की थी. अब राज्य सरकार औपचारिकताओं को पूरा कर रही है. उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए दस्तावेज जमा करवा दिए हैं और मार्च माह में जनसुनवाई होगी.
उन्होंने कहा कि इस पार्क में जो ट्रीटमेंट प्लांट बनना है, वह अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा. उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क का प्रोजेक्ट 1923 करोड़ रुपए का है और इसके लिए केंद्र ने 225 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क के लिए तीन विकल्प सुझाए गए हैं और इनमें से किस पर आगे बढ़ना है, उसका फैसला सरकार को करना है और इसके लिए जल्द कैबिनेट में चर्चा होगी.
उन्होंने कहा कि पहला विकल्प या तो राज्य सरकार एक हजार करोड़ रुपए का इसमें निवेश कर स्वयं निर्माण करे, या फिर किसी कंपनी के साथ करार कर इसका निर्माण करे, जिसमें 51 फीसदी की हिस्सेदारी सरकार की और 49 फीसदी की निजी कंपनी की हो और तीसरा विकल्प पीपीपी मोड का है. उन्होंने कहा कि इन पार्कों का कार्य पारदर्शिता के साथ किया है और भारत सरकार की गाइडलाइन के आधार पर कार्य हो रहा है. इस पर केंद्र सरकार निगरानी रखे हुए है और भारत सरकार इसकी पूरी मॉनिटरिंग कर रही है.
इससे पहले बिक्रम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार यह बताए कि कब तक यह पार्क तैयार हो जाएगा और कब तक सक्षम भागीदार चयनित करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल के दौरान तीन प्रोजेक्ट बल्क ड्रग पार्क पूरे देश को मिले थे और हिमाचल ने कंपीटिशन से इसे हासिल किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार डेढ़ वर्ष में इसमें कुछ भी नहीं कर पाई है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार