शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा बीते शनिवार को वितीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत बजट पर सदन में भी चर्चा जारी रही. कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि यह बजट प्रदेश को नई दिशा देने देने वाला है. उन्होंने कहा बजट में सरकार का फोकस प्रदेश को आगे बढ़ाने पर है. कृषि मंत्री ने कहा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीमित संसाधन होते हुए भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की गई है. उन्होंने खेद जताया कि आपदा के समय में प्रदेश को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन केंद्र से प्रदेश को कोई सहायता नहीं मिली.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने स्तर पर 4500 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज जारी कर लोगों को राहत देने की कोशिश की गई. चर्चा के दौरान चंद्र कुमार ने पूर्व के सभी मुख्यमंत्रियों के योगदान को याद किया जिनके प्रयासों से प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित किए.
बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाने साधे. उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर कांग्रेस की दस गारंटियों पर कांग्रेस सरकारी की घेराबंदी की. उन्होंने कहा कि बजट पूरी तरह से नीरस है और लोगों को गुमराह करने वाला है. उन्होंने कहा कि सरकार के पिछले और इस बजट में कोई खास फर्क नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बजट में बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है.
विपिन परमार ने कहा कि सरकार का पिछला बजट व्यवस्था परिवर्तन पर था और अब आत्मनिर्भर हिमाचल की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि बजट में विधायक निधि 10 लाख रुपए बढ़ाने की बात कही गई है. लेकिन साथ ही सवाल उठाया कि एक किस्त तो सरकार ने खत्म ही कर दी है.
तकनीकी शिक्षा व टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि बजट में हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने का रोडमैप है और इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना जरूरी है. प्रदेश सरकार द्वारा 50 स्कूल चिन्हित कर इंस्टीज्यूशन आफ एक्सीलेंस का दर्जा देने का निर्णय सराहनीय है. इन संस्थानों में विशेष सुविधा दी जाएगी और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल पाएगी. उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की कवायद में गग्गल एयरपोर्ट का विस्तारीकरण क्रांतिकारी कदम है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हाईवे टूरिज्म की तरफ कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को सशक्त करना जरूरी है और इस और भी कदम उठाने चाहिए.
भाजपा के डॉक्टर जनक राज ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं की खस्ता हालत पर प्रदेश सरकार की घेराबंदी की और कहा कि प्रदेश सरकार घोषणाओं तक ही सीमित है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पुराने बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने का उल्लेख किया था, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं उतरा है. अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी, पैटस्कैन सुविधा व ट्रामा सेंटर की घोषणा को अमलीजामा नहीं पहनाया गया. इसी तरह आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों को खोलने की घोषणा पर भी कुछ नहीं किया गया. जनक राज ने कहा कि प्रदेश सरकार कमेटियों का गठन कर कार्यों को लटकाने का काम कर रही है और डाॅक्टरों की एनपीए की मांग पर भी कमेटी का गठन इसी मकसद से किया गया है.
उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र पांगी में स्वास्थ्य कर्मियों के 70 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं और पांगी के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए चंबा, टांडा और शिमला का रूख करना पड़ रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार से दूरदराज क्षेत्रों में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोलने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के लोगों के हितों का ध्यान रखने में विफल रही है. उन्होंने कहा कि सताधारी दल हिमाचल के हितों के खिलाफ जाने वाले व्यक्ति को राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है.
राजेंद्र राणा ने चर्चा में भाग लेते हुए हिमाचल प्रदेश की माली हालत को सुदृढ़ करने के लिए ठोस कदम उठाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन क्षेत्र पर बहुत काम करने की जरूरत है. उन्होंने शिमला सहित अन्य पर्यटन स्थलों में पर्यटन के नए डैस्टिनेशन विकसित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के पलायन को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि उद्योगों को प्रदेश में लाने के लिए काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शहरों में अनपलानड कंस्टकशन हुई है और सरकार को नए टाउनशिप की ओर जाना चाहिए. नए नगरों को बसाने की दिशा में काम करने की जरूरत है. विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाना सराहनीय है. राजेंद्र राणा ने स्वास्थ्य विभाग में उठाए गए कदमों की प्रशंसा की है. उन्होंने बजट में हमीरपुर में 100 करोड़ से कैंसर रोकथाम संस्थान की स्थापना की घोषणा का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि हर चुनाव क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य संस्थान होना जरूरी है और इसे लेकर बजट में घोषणा भी की गई है. राजेंद्र राणा ने बजट में कामगारों के मानदेय और विधायक एच्छिक निधि की राशि में बढ़ौतरी का भी स्वागत किया.
भाजपा के त्रिलोक जंबाल ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने गारंटियों के नाम पर लोगों को गुमराह किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 1500 रूपये देने के नाम पर नारी शक्ति से छल किया है. उन्होंने यह भी कहा कि लाहौलस्पीति की महिलाओं को 1500 रूपये की घोषणा के बावजूद भी यह राशि नहीं मिल रही. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की रोजगार गारंटी पर सवाल उठाया और कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने की गारंटी को पूरा करने में विफल रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई आपदा में पात्रों को मुआवजा नहीं मिल पाया है. प्रदेश सरकार के कार्यकाल में उद्योग पलायन कर रहे हैं. पुलिस के पहरे में अलीखड्ड का टैंक बन रहा है. इस टैंक के बनने से बिलासपुर सदर की 31 स्कीमें बंद हो जाएंगी और 25 ग्राम पंचायतों को पानी नहीं मिलेगा. उन्होंने बजट को आंकड़ों का मायाजाल करार दिया. उन्होंने बजट में विधायक क्षेत्र निधि में बढ़ौतरी को भी नाकाफी बताया.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार