शिमला: विधानसभा में बजट चर्चा के दौरान चुनाव से पहले सताधारी दल कांग्रेस की रोजगार की गारंटी पर सदन में मुख्यमंत्री सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बीच नोकझोंक हुई. बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के त्रिलोक जंबाल ने कहा कि कांग्रेस ने पांच लाख सरकारी नौकरियां देने की गारंटी दी थी, लेकिन युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. इस पर सदन के नेता व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि भाजपा सदस्य रोजगार के मुददे पर सदन में गलत जानकारी दे रहे है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने पांच लाख रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने की गारंटी दी थी, न कि पांच लाख सरकारी नौकरियां देेने की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में कुल दो लाख नौकरियां ही हैं, ऐसे में पांच लाख सरकारी नौकरियां कैसे दी जा सकती है.
वहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का नेतृत्व करने वाले ही सदन में झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने अपने मोबाइल फोन में घोषणा पत्र का पन्ना दिखाते हुए दावा किया कि चुनाव से पहले सताधारी दल ने पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरी देने की बात कही थी. इसका कांग्रेस ने खूब प्रचार भी किया था. लेकिन अब मुख्यमंत्री इस बात को स्वीकार करने से बच रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने इस बात पर आपति जताई कि विपक्ष रोजगार की गारंटी को गलत तरीके से प्रचारित कर रही है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष रोजगार की गारंटी की आड़ में सरकारी नौकरियों का उल्लेख कर सदन में फेक जानकारी दे रहे हैं. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि वह कांग्रेस की गारंटी को लेकर कोई भी दस्तावेज अपने हस्ताक्षर कर सदन के पटल पर रखें और इसके फेक पाए जाने पर कार्रवाई भी होती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी 10 गारंटियों का ऐलान बाकायदा पत्रकार वार्ता कर किया था.
कांग्रेस सदस्य कुलदीप सिंह राठौर ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए बजट को सर्वहितकारी करार दिया और कहा कि इसमें सभी वर्गों को कुछ न कुछ दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों बागवानों के लिए बड़ी सौगात सरकार लाई है. युनिवर्सल कार्टन की वर्षों पुरानी मांग को सरकार ने बजट में पूरा किया है. उन्होेंने बजट में आदर्श नशा निवारण केंद्र स्थापित करने की घोषणा की तारीफ की. कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि गत वर्ष आई आपदा से हिमाचल प्रदेश एक दशक पीछे चला गया और ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा गया. कई जगह सड़कें टूटीं, पुल बहे और मकान ढहे. उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का आंकलन विषम परिस्थितियों में होता है और आपदा के विषम हालाता में सरकार ने बेहतरीन काम किया है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा आपदा में हिमाचल को मिली मदद को उंट के मूंह में जीरा के समान बताते हुए प्रदेश सरकार से इस पर श्वेतपत्र लाने की मांग की.
भाजपा के बलबीर वर्मा ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने दोनों बजटों में हिमाचल की जनता को ठगने का काम किया है. उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में कुछ भी नया नहीं है. सरकार ने 10 गारंटियों के नाम पर प्रदेश की जनता को छलने का काम किया है और भाजपा इसे लेकर लोगों केा जागरूक करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने उनके चुनावी हल्के चैपाल में कई स्वास्थ्य संस्थानों को बंद किया है. पूर्व सरकार के कार्यकाल में चैपाल हल्के के स्वास्थ्य संस्थानों में 62 डाॅक्टर थे, जो अब 32 रह गए हैं.
कांग्रेस के संजय अवस्थी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि इस बजट में प्रदेश की ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने और हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अहम कदम उठाए गए हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और कृषि कोे आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए डिजिटलाइजेशन किया गया. पहली बार दूध के खरीद मूल्य में बढ़ौतरी की गई. बजट में सौर उर्जा के क्षेत्र में अहम घोषणाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष राजनीतिक मजबूरी के चलते इस बजट का विरोध कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है और बजट पर चर्चा के दौरान अन्य मुददों को सदन मेें उठा रहा है. विवादित अलीखडड पेयजल योजना पर संजय अवस्थी ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में इस पेयजल योजना को तकनीकी मंजूरी मिली थी और वर्तमान सरकार ने इस कार्य को आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र का पानी इस योजना के तह लिफट हो रहा और यह पेयजल योजना अर्की के राजस्व रिकार्ड में है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार