मंडी: अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव के आयोजन को लेकर साधारण सभा की बैठक का आयोजन संस्कृति सदन मोतीपुर में किया गया. जिसकी अध्यक्षता धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर ने की. बैठक में मेले के आयोजन खासकर वित्तीय संसाधनों को लेकर चर्चा का आगाज किया गया.
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि मेला ऐतिहासिक एवं समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन का मेला है. इस मेले में जनपद के देवी-देवताओं के आने से शहर की रौनक बढ़ जाती है. देवी-देवता यहां के जनमानस की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है, देवताओं के बिना मेला नहीं होता.
उन्होंने कहा कि मेले के दौश्रान शहर के महत्वपूर्ण स्थालों के अलावा मंदिरों में रौशनी की जाएगी. मेला कमेटी की ओर से बताया गया कि बीते वर्ष सभी संसाधनों जिसमें पड्डल मैदान में प्लाट आंवटन से होने वाली आमदनी के अलावा स्मारिका व अन्य संसाधानों से मेला कमेटी को तीन करोड़ चालीस लाख चौवन हजार पांच सौ रूपए की आमदनी हुई थी. जबकि खर्च तीन करोड़ तैतालिस लाख तेरह हजार रूपए हुआ. हालांकि,इस बार अकेले पड्डल मैदान से ही तीन करोड़ बीस लाख रूपए की आमदनी मेला कमेटी को हुई. इसके अलावा अभी और स्रोतों से भी आय होगी. जिससे यह आंकड़ा पिछले साल से कहीं अधिक हो जाएगा.
मेला कमेटी के अध्यक्ष विधायक चंद्रशेखर ने इस बार आमदनी के संसाधनों को बढ़ाने पर जोर दिया. वहीं पर नगर निगम मंडी के मेयर विरेंद्र भट्ट ने बताया कि मेले के दौरान नगर निगम की ओर से साफ-सफाई व्यवस्था देख जाती है. जिसके लिए मेला कमेटी की ओर से धनाराशि उपलब्ध करवाई जाती है. लेकिन गत वर्ष मेला कमेटी की ओर से नगर निगम को यह राशि उपलब्ध नहीं करवाई गई र्ह. जो 19 लाख के करीब है. उन्होंने कहा कि इस बार निगम की ओर से मेला कमेटी को पत्र लिखकर अवगत करवाया गया है.बकाया राशि अदा की जाए. अन्यथा यह कार्य लोकनिर्माण विभाग से करवाया जाए. इस पर विधायक चंद्रशेखर ने हस्तक्षेप करते हुए नगर निगमको बीस लाख रूपए की अदायगी करने को उपायुक्त मंडी को कहा है.
चंद्रशेखर ने की डेढ लाख देने की घोषणा
मेले के आयोजन में जनभागीदारी को बढ़ाने के लिए विधायक चंद्रशेखर ने साधारण सभा के सदस्यों को आगे आने का आह्वान किया. जिसके लिए उन्होंने अपनी ओर से एक लाख इक्यावन हजार रूपए देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह मेला केवल अधिकारियों का ही बन कर न रह जाए. इसलिए हमें भी इसके संसाधन जुटाने में मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों की मांग पर मेले की सांस्कृतिक संध्याएं पड्डल मैदान से वापस ऐतिहासिक सेरी मंच पर आयोजित करने का निर्णय लिया गया. जिससे मंडी शहर में भी रौनक बढ़ गई, जिससे शहर का व्यापार भी बढ़ा . लेकिन शहर के व्यापारियों की ओर से उस तरह का योदान नहीं मिला है. इस पर व्यापार मंडल के प्रधान राजेश महेंद्रू ने अवगत करवाया कि मेले के दौरान दिन के समय देवलुओं को दी जाने वाली मंडयाली धाम जो सात दिन तक चलती है. समें शहर के व्यापारियों और व्यापार मंडल का ही योगदान रहता है.
देव सदन में एक सौ देवताओं के ठहरने की व्यवस्था
बैठक में सर्व देवता कमेटी के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने बताया कि देवताओं से संबंधित अधिकांश मांगों से मेला कमेटी को अवगत करवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि देवसदन में एक सौ देवताओं को ठहराने की व्यवस्था है. गत वर्ष यहां पर 51 देवी-देवताओं को देवलुओं के साथ ठहराया गया था. वहीं पर मेले के दौरान देवी-देवतओं के बैठने के लिए स्थान चिन्हित किया गया. चंद्रशेखर ने कहा कि देवताओं के बैठने की जगह पर मैटिंग की जाएगी. जिससे देवताओं और श्रद्धालुओं को असुवधिा का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं पर मेले की बेहतर कवरेज के लिए मीडिया कर्मियों के बैठने की सेरी चानणी में अलग से व्यवस्था की जाएगी.
साईक्लिंग और शूटिंग को किया जाएगा शामिल
मेले के दौरान होने वाली खेलों में इस बार साईक्लिंग और शूटिंग शुरू की जाएगी. इसके अलावा परंपरागत छिंज दंगल के आयोजन के लिए अलग से छिंज उप समिति बनाने की मांग की गई. वहीं पर करीब बीस सालों से बंद पड़ी शिवरात्रि क्रिकेट प्रतियोगिता अगले साल से शुरू की जाएगी. विधायक चंद्र शेखर ने कहा कि पड्डल मैदान को मेले के बाद खेलों के आयोजन और शहर वासियों की सैर के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल तक मेला ग्राउंड खाली कर दिया जाएगा.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार