धर्मशाला: प्रदेश सरकार से नाराज चल रहे डॉक्टरों के सब्र का बांध धीरे धीरे टूटने लगा है. पिछले लंबे समय से काली पट्टियां बांधकर डयूटी पर आ रहे डॉक्टर अब मंगलवार यानी 20 फरवरी से ढाई घंटे की हड़ताल पर जा रहे हैं जिससे खासकर ओपीडी में आने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. हालांकि रॉहत की बात यह है कि इस दौरान आपातकालीन सेवायें जारी रखने का निर्णय लिया गया है.
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से अब मंगलवार से सुबह के समय अढ़ाई घंटे तक पैन डाऊन स्ट्राईक शुरू कर दी जाएगी. इसके चलते अब मरीजों को सुबह अढाई घंटे तक ईलाज नहीं मिल पाएगा. हालांकि इस दौरान ऐसोसिएशन ने अपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से सुचारू चलाए रखने की बात कही है.
मंगलवार से पैन डाऊन हड़ताल शुरू कर डाक्टर साढ़े नौ बजे से 12 बजे तक ओपीडी में मरीजों का चैकअप नहीं करेंगे. इस दौरान काल्ले बिल्ले लगाकर सरकार के प्रति आक्रोश भी जारी रखेंगे. एचएमओए ने अपनी लंबित मांगों को पूरा न किए जाने पर आंदोलन को तेज़ कर दिया है. हालांकि सरकार व मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स ऐसोसिशन की बैठक हुई थी, बावजूद इसके मांगों पर कोई उचित कदम न उठाए जाने पर अब डाक्टरों ने आंदोलन को तेज कर दिया है.
रविवार को ऑनलाइन मोड के माध्यम से राज्य कार्यकारिणी के साथ एचएमओए की बैठक में चर्चा की गई. इसमें हिमाचल प्रदेश के सभी डाक्टरों ने मंगलवार 20 फरवरी से सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक काला रिबन पहनकर पेन डाउन स्ट्राइक पर जाने का निर्णय लिया है.
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव डा. उदय सिंह ने कहा कि मंगलवार से अब मांगों को लेकर आंदोलन को उग्र करते हुए पैन डाऊन हड़ताल शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि अढ़ाई घंटे तक ओपीडी में मरीजों की जांच नहीं करेंगे, हालांकि आपतकालीन सेवाएं व एमरजैंसी केस को प्रभावित नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की मुख्य मांगों में सभी नए मेडिकल ऑफिसरों को एनपीए प्रदान करना, अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना या गतिशील कैरियर प्रगति योजना को लागू किया जाने, वरिष्ठता के आधार पर स्वास्थ्य विभाग में निदेशक की नियुक्ति किए जाने, एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना निदेशक के पास एमबीबीएस योग्यता होनी चाहिए, और यह प्रभार स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक या चिकित्सा बिरादरी के संयुक्त निदेशक को दिया जाना चाहिए. पीजी कोटा के लिए सेवा की अनिवार्य अवधि प्रत्येक चिकित्सा अधिकारी के लिए समान होने सहित अन्य मांगें शामिल हैं. इसी के साथ सरकार द्वारा जो सेवा विस्तार दिया जा रहा है, उसे न दिया जाए, जिससे अन्य डाक्टर्स को भी काम करने का मौका मिल सके.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार