शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को मेरू प्रोजेक्ट जोकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक महत्वपूर्ण अंग है, के तहत 100 करोड़ रूपये की ग्रांट मिली है. यह राशि उच्चतर शिक्षा अभियान यानि पी.एम.उषा के अन्तर्गत केन्द्र सरकार ने हिमाचल विश्वविद्यालय को स्वीकृत की है. इस राशि का उपयोग विश्वविद्यालय के आधारभूत संरचना और शोध गतिविधियों को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए किया जाएगा. बीते महीने पी.एम.उषा प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक हुई थी जिसमें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति ने विष्वविद्यालय का पक्ष रखा था.
इस अवसर पर कुलपति, आचार्य सत प्रकाश बंसल ने विष्वविद्यालय अनुदान आयोग, केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रयासों व मेहनत को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय व केन्द्रीय उच्च शिक्षाक्षा सचिव संजय मूर्ती ने इस ग्रांट को दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार व शिक्षा सचिव डॉ. राकेश कंवर का भी आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के शिक्षा सचिव ने बहुत गम्भीरता से इस विषय को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय का सहयोग किया है.
आचार्य सत प्रकाश बंसल ने कहा कि इस राशि का उपयोग बेहतरीन स्मार्ट क्लासरूम, लैबोरेटरी, शोध कार्यों का आगे बढ़ाने के लिए किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विष्वविद्यालय के विकास के लिए और भी अन्य सहायता राषि प्राप्त करने के लिए हम सभी मिलकर प्रयासरत रहेंगे.
प्रति-कुलपति, आचार्य राजिन्द्र वर्मा ने कहा कि मेरू के तहत 100 करोड़ की ग्रांट मिलना विश्वविद्यालय के लिए अत्यन्त सराहनीय कदम है. इस राशि के मिलने से विश्वविद्यालय के सुदृढ़िकरण में सहायता मिलेगी. प्रति-कुलपति ने कहा कि यह कुलपति, आचार्य सत प्रकाश बंसल के प्रयासों द्वारा सम्भव हो पाया है और आगे भी हम सब मिलकर विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री, शिक्षा मन्त्री व शिक्षा सचिव के अथक प्रयासों से यह राशि हमें प्रदान हुई है. इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार