शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु द्वारा शनिवार को विधानसभा में पेश किए वितीय वर्ष 2024-25 के बजट को लेकर करुणामूलक संघ ने निराशा व्यक्त की है. संघ ने बजट में अनदेखी का आरोप लगाया है. इनका कहना है कि बजट में करुणामूलक परिवारों को लेकर मुख्यमंत्री ने कोई घोषणा नहीं की गई और ना ही उनके लिए कोई नीति लाई गई. करूणामूलक परिवारों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है.
करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने रविवार (18 फरवरी) को कहा है कि पिछले बजट में मुख्यमंत्री द्वारा करुणामूलक परिवारों के लिए बजट का प्रावधान तो किया गया था, लेकिन वह प्रावधान फाइलों तक ही सीमित रह गया.
उन्होंने कहा कि बजट के दूसरे दिन विधानसभा में करुणामूलक परिवार नौकरी की आस लेकर मुख्यमंत्री से मिलने आई थी कि मुख्यमंत्री इनके और इनके बच्चों के लिए नौकरी का प्रावधान करेंगे लेकिन एक बार फिर से मुख्यमंत्री द्वारा इन्हें आश्वासन देखकर टाल दिया गया.
उन्होंने कहा कि सरकार आखिरकार इन परिवारों के लिए कोई नीति क्यों नहीं बना रही है. एक तो इन परिवारों में अपने घर का सदस्य खोया है, ऊपर से 20 से 25 सालों से यह परिवार करुणा के आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री द्वारा हर बजट अभिभाषण में कहा जाता है कि प्रदेश की उन्नति में एक सरकारी कर्मचारी का विशेष योगदान होता है तो मुख्यमंत्री इन परिवारों की तरफ क्यों नहीं देखते क्या इन लोगों के माता या पिता का कोई योगदान नहीं था जो सरकार की सेवा करने के दौरान मृत्यु को प्राप्त हो गये.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा कुछ ऐसा प्रावधान लाया जाए जिसमें इन परिवारों को करुणा के आधार पर नौकरी देखकर व्यवस्था का उदाहरण दिया जाए ताकि यह भी अपना परिवार का पालन पोषण कर सकें और इन परिवारों को दर-दर की ठोकरे ना खानी पड़े.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार