शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन गुरुवार (15 फरवरी) को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई. इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई. चर्चा में 22 विधायकों ने हिस्सा लिया. ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जिसका ज्वालामुखी के विधायक रवि ठाकुर ने समर्थन किया. नियमों के अनुसार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सबसे पहले चर्चा में भाग लिया.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार सिर्फ हवा हवाई बातें करती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो भी कार्य हुए हैं वो केंद्र के सहयोग के बिना नहीं हो सकते थे लेकिन कांग्रेस सरकार ने एक बार भी केंद्र का आभार नहीं जताया. जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार की गारंटियों को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस गारंटी के नाम पर सत्ता में आई है और अभी तक एक भी गारंटी पूरी नहीं हो पाई है. महिलाओं को 1500 रुपया देने थे जिनमें 22 लाख 40 हज़ार महिलाएँ शामिल थीं लेकिन कांग्रेस सरकार ने लाहौल-स्पीती ज़िले को चुना जहाँ महिलाएँ नाममात्र हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरी तरह से विफल रहा है और सरकार ने पांच सालों के लिए ही नहीं, बल्कि वर्षों के लिए प्रदेश की जनता का भरोसा खो दिया है. चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के सुखराम चौधरी ने सरकार के कार्यकाल विफल करार दिया और कहा कि सरकार ने राज्यपाल से भी अभिभाषण में झूठ बुलवाया है.
इससे पूर्व, धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ करते हुए कांग्रेस सदस्य संजय रतन ने प्रदेश में आपदा पीड़ितों के लिए 4500 करोड़ रुपये राहत पैकेज घोषित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया. उन्होंने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया. विधायक रवि ठाकुर ने लाहौल-स्पीति में सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चर्चा में दखल देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष जनता में जाकर लोगों को भ्रमित करने का काम करते हैं. झूठे आंकड़े पेश करते हैं. उन्होंने कहा कि अभी जो ओपीएस पेंशन में कटौती करने की बात कही गई, ये भी झूठ है, सरकार ने ओपीएस में कोई कटौती नहीं की है और विपक्ष इस संबंध में भ्रांतियां फैलाकर कर्मचारियों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों ने प्रदेश के विकास की गाथा लिखी है. इनके योगदान को देखते हुए ही कांग्रेस ने ओपीएस को बहाल करने का वादा पूरा किया और आज राज्य के 4500 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मौजूदा सरकार द्वारा बहाल की गई ओपीएस का लाभ मिल रहा है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार