धर्मशाला: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण-राज्य सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश अपराध से पीड़ित प्रतिकर योजना 2018 तथा 2019 के तहत पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा प्रदान किया जाता है. इसके तहत पीड़ित/पीड़िता को मुआवजा देने के लिए ट्रायल कोर्ट सेक्शन 357 ए, सब सेक्शन दो सीआरपीसी के अंतर्गत सिफारिश कर सकता है या फिर पीड़ित व्यक्ति स्वयं ही जिला या राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में मुआवजा के लिए आवेदन कर सकता है.
यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव शिखा लखनपाल ने देते हुए बताया कि साथ ही जब प्राथमिकी दर्ज होती है तो हर केस में जहां मुआवजा उपलब्ध करवाने का प्रावधान है, वहां पुलिस द्वारा मुआवजा प्राप्त करने में सहायता दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि फैसले के समय यदि कोर्ट को लगे कि पीड़ित को मुआवजा जो दिया जा चुका है, उसके पुर्नवास के लिए काफी नहीं है तो कोर्ट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मुआवजा बढ़ाने की सिफारिश कर सकता है.
मुआवजा नहीं मिला तो कर सकते हैं अपील
आवेदन के बावजूद मुआवजा नहीं मिला तो पीड़ित या पीड़िता राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सामने अपील कर सकते हैं. मुआवजा नहीं देने के ऐसे किसी आदेश के 90 दिन के भीतर प्राधिकरण में अपील करनी होगी.
यदि मुआवजा लेने के बाद पीड़ित/पीड़िता प्राॅसीक्यूसन केस में स्पोर्ट न करे, जानबूझ कर झूठी इंर्फोमेशन देता या फिर झूठी गवाही देता है इन परिस्थितियों में मुआवजा वापिस लिया जा सकता है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार