शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में विपक्षी दल भाजपा ने मास्टर स्टॉक खेलते हुए अपना उम्मीदवार उतार दिया है. इससे अब लग रहा है कि राज्य में यह चुनाव निर्विरोध नहीं होगा. भाजपा ने कांग्रेस से आए हर्ष महाजन को ही अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. उनका मुकाबला कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी से होगा.
राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन का आज (15 फरवरी) अंतिम दिन है. भाजपा और कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार आज अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं. राज्यसभा के लिए हर्ष महाजन पर दांव खेलकर भाजपा ने सबको चौंका दिया है. माना जा रहा था कि विधानसभा में कांग्रेस को बहुमत होने के कारण भाजपा उम्मीदवार नहीं देगी. हर्ष महाजन ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से चंद रोज पहले भाजपा का दामन थामा था. हर्ष महाजन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं. वह कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के करीबियों में शामिल रहे हैं. वर्तमान मैं वह भाजपा प्रदेश कोर ग्रुप के भी सदस्य हैं.
हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाकर भाजपा की नजर कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों पर है. भाजपा का मानना है कांग्रेस के कुछ विधायक सरकार से असंतुष्ट चल रहे हैं और सरकार की कार्यशैली पर सवाल भी उठा रहे हैं. कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के बाहरी प्रदेश से होने के कारण भाजपा इसे मुद्दा बनाएगी. सिंघवी के राज्यसभा उम्मीदवार बनने से प्रदेश कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं को झटका लगा है, जो राज्यसभा में जाने की मंशा रखते थे. ऐसे में भाजपा ने उम्मीदवार उतार कर राज्यसभा चुनाव को बेहद रोचक बना दिया है. यह सीट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल पूरा होने पर खाली हो रही है.
27 फरवरी को होगा मतदान
चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार राज्ससभा के लिए नामांकन की आज आखिरी तारीख है. नामांकन पत्रों की छंटनी 16 फरवरी को होगी. नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 फरवरी, मतदान की तिथि मंगलवार 27 फरवरी है. विधानसभा परिसर में पोलिंग सुबह 9 से शाम 4 बजे तक चलेगी और इसी दिन देर शाम तक रिजल्ट घोषित होगा.
आंकड़े कांग्रेस के पक्ष में, भाजपा की नजर कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग पर
हिमाचल से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत तय है. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटें हैं. यहां पर कांग्रेस के पास 40 सीटें, भाजपा के पास 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं. इस तरह यहां से राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की जीत तय है. राज्यसभा के चुनाव में विधायक वोट डालते हैं. विधायकों के वोटों से ही हार जीत तय होते हैं. हिमाचल राज्यसभा के चुनाव में एक सीट के लिए 35 वोट चाहिए. कांग्रेस पार्टी के 40 विधायक हैं. वहीं 3 निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं. जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं. इस हिसाब से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत निश्चित है. कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से ही भाजपा राज्यसभा चुनाव जीत सकती है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार