शिमला: हर साल ओलावृष्टि के कारण करोड़ो के सेब नष्ट हो जाते है. किसान-बागवान की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए पूर्व भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन संरक्षण योजना मे एंटी हेल नेट को भी जोड़ा था. भाजपा प्रवक्ता चेतन बरागटा ने बुधवार (14 फरवरी) को कहा कि इस योजना के अंतर्गत एक किसान परिवार को 5000 वर्ग मीटर में नेट लगाने पर 80% सब्सिडी मिल रही थी. पूर्व भाजपा सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 10 करोड़ का बजट आवंटन भी किया था. ये योजना छोटे किसान- बागवान के लिए बहुत फायदेमंद थी.
बरागटा ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत किसान-बागवान सिर्फ 20% धनराशि खर्च कर अपने बागिचे में नेट लगा पा रहा था. इसमें 80% अनुदान कृषि विभाग के माध्यम से किसान को मिल रहा था और पूर्व भाजपा सरकार में किसान-बागवान इस योजना का लाभ उठा रहा था. लेकिन हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया. जैसे ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, कृषि विभाग ने वेबसाइट से एंटी हेलनेट के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाला पोर्टल ही हटा दिया है. किसानों-बागवानों ने हजारों के हिसाब से आवेदन कर रखे हैं. एक साल से आवेदन कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसान और बागवान परेशान हो रहे है. ऐसी योजना जिससे किसान-बागवान लाभान्वित हो रहा था उसको प्रदेश की सुखविंदर सुक्खू सरकार द्वारा बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
बरागटा ने कहा कि प्रदेश की काँग्रेस सरकार ने झूठी गारंटी दे कर प्रदेश के किसान-बागवान के साथ धोखा किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान-बागवान सुक्खू सरकार से दरख्वास्त करता है कि इस योजना को पुनः शुरु करे.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार