शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर सताधारी कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया है. अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व जाने-माने अधिवक्ता हैं. वह आज वीरवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. यह सीट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का कार्यकाल पूरा होने पर खाली हुई है. अभिषेक मनु सिंघवी राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले हैं.
खास बात यह है कि हिमाचल से 34 साल बाद राज्यसभा में बाहरी राज्य से उम्मीदवार बना है. इससे पहले वर्ष 1990 में कृष्ण लाल शर्मा हिमाचल से राज्यसभा के लिए चयनित हुए थे. उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और शांता कुमार मुख्यमंत्री थे. कृष्ण लाल शर्मा पंजाब के रहने वाले थे. उनसे पहले वर्ष 1978 में जनता पार्टी की सरकार में मोहिंद्र कौर राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं. मोहिद्र कौर भी पंजाब की मूल निवासी थी.
बीते तीन दशक से हिमाचल में किसी भी सताधारी दल ने बाहरी राज्य से किसी भी नेता को राज्यसभा में नहीं भेजा. वर्ष 1992 में भाजपा से महेश्वर सिंह, वर्ष 1994 में कांग्रेस से सुशील बरोंगपा और 1996 में चंद्रेश कुमारी, वर्ष 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस से अनिल शर्मा, वर्ष 2000 में भाजपा से कृपाल परमार, वर्ष 2002 में सुरेश भारद्वाज, वर्ष 2004 में कांग्रेस से आनंद शर्मा, वर्ष 2006 में विपल्लव ठाकुर, वर्ष 2008 में भाजपा से शांता कुमार को राज्यसभा भेजा था. इसके बाद बिमला कश्यप, जगत प्रकाश नड्डा, विप्लव ठाकुर, आनंद शर्मा और जगत प्रकाश नड्डा को राज्यसभा में भेजा. वर्तमान में सिकंदर कुमार और इंदु गोस्वामी राज्यसभा सांसद हैं.
हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता राज्यसभा जाने की कवायद में जुटे थे. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, आशा कुमारी, विपल्लव ठाकुर इत्यादि के नाम चर्चा में थे. अभिषेक मनु सिंघवी के नाम की घोषणा से प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को झटका लगा है. इस नाराजगी का आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है. माना जाता है कि बाहरी राज्य से राज्यसभा सांसद न तो प्रदेश की आवाज को उठाते हैं और न ही यहां कोई विकास कार्य कराते हैं.
अभिषेक मनु सिंघवी करेंगे नामांकन
चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार राज्ससभा के लिए नामांकन की गुरूवार को आखिरी तारीख है. सिंघवी बुधवार को शिमला पहुंचे और वह गुरूवार को विधानसभा में नामांकन दाखिल करेंगे. अधिसूचना के मुताबिक नामांकन पत्रों की छंटनी 16 फरवरी को होगी. नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 फरवरी, मतदान की तिथि मंगलवार 27 फरवरी है. विधानसभा परिसर में पोलिंग सुबह 9 से शाम 4 बजे तक चलेगी और इसी दिन देर शाम तक रिजल्ट घोषित होगा. हिमाचल से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत तय है. दरअसल हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटें हैं. यहां पर कांग्रेस के पास 40 सीटें, भाजपा के पास 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं. इस तरह यहां से राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की जीत तय है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार