कुल्लू: बसंत पंचमी के दिन क़ुल्लू का ऐतिहासिक ढालपुर मैदान देवमय हो गया जब हजारों की भीड़ राम राम जय सिया राम के जय कारों से गूंज रही थी. हर तरफ राम भक्त नजर आ रहे थे. हजारों की भीड़ भगवान रघुनाथ जी के रथ की रस्सियों को खींच रहे थे और चारों ओर हजारों लोगों का हुजूम इस आलौकिक दृश्य को देख रहा था और भगवान रघुनाथ जी का रथ….राम राम, जय जय राम की जयघोष की ध्वनि करता हुआ आगे बढ़ रहा था.
भगवान रघुनाथ की बसंत पंचमी मौके पर निकाली गई इस रथयात्रा के साथ ही कुल्लू में होली की शुरुआत मानी जाती है. बुधवार (14 फरवरी) को भगवान रघुनाथ जी को ढोल-नगाड़ों की थाप पर रघुनाथ मंदिर से पालकी में बैठकर ढालपुर के रथ मैदान तक लाया गया. रथ मैदान में पहुंचने के बाद परम्परा को निभाया गया और उसके बाद रथ मैदान में राम और भरत मिलन होते ही रथयात्रा शुरू हुई.
रथयात्रा के दौरान राम-भरत का मिलन हुआ और यह दृश्य बड़ा ही भावुक करने वाला था. इस दृश्य को देखने के लिए यहां हजारों की भीड़ उत्सुक दिखी.
रथयात्रा के शुरू होने से पूर्व हनुमान अपने केसरी रंग के साथ लोगों के बीच गया. लोगों का केसरी नंदन के साथ स्पर्श हो, इसके लिए लोग उसके पीछे भागते नजर आए. मान्यता है कि जिन लोगों को हनुमान का केसरी रंग लगता है तो उसकी मन्नतें पूरी होती है. केसरी नंदन की कृपा दृष्टि लोगों के ऊपर पड़े, इसलिए उसके आगे आने के लिए लोगों की भीड़ में होड़ दिखी. रथ यात्रा में अधिष्ठाता रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह सहित राजपरिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे.
बसंत पंचमी से शुरू होने वाली होली की खास बात यह है कि अब से हर दिन भगवान रघुनाथ को गुलाल लगाया जाएगा और चालीस दिनों बाद पूरे देशभर में होली मनाई जाएगी. खासकर इन चालीस दिनों में बैरागी समुदाय के लोग होली की इस परंपरा का निर्वहन करेंगे. इन्हीं दिनों में बैरागी सुमदाय के लोग भगवान रघुनाथ के मणिकर्ण, मकराहड, नग्गर के ठावा आदि क्षेत्र में ढफली और ढोलक लेकर जाते हैं और वृज के होली गीत गाते हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार