धर्मशाला: पौष्टिक आहार शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारे आचार, व्यवहार और मानसिक स्वास्थ्य को भी संबल प्रदान करता है. आज के समय में हमें फूड सिक्योरिटी के साथ न्यूट्रीशनल सिक्योरिटी पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. पालमपुर के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा मैदान में सोमवार को जिला स्तरीय ‘ईट राइट मिलेट फेस्टिवल’ के शुभारंभ के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने यह बात कही. इस दौरान मिलेट मैन के नाम से विख्याम पदम्श्री पुरस्कार विजेता नेकराम विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मोटे अनाज की उपयोगिता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हमारी पारंपरिक खेती का हिस्सा रहे मिलेट्स या मोटे अनाज पोषण की खूबियों के चलते सुपर फूड हैं. उन्होंने कहा कि रक्तचाप, डायबिटीज जैसी अनेक बीमारियां आज आम हो गई हैं. उन्होंने कहा कि मोटे अनाज के सेवन से न केवल हम इन्हे नियंत्रित कर सकते हैं अपितु इन बीमारियों से निजात भी पा सकते हैं. उन्होंने लोगों से अपनी खान-पान में इसका सेवन बढ़ाने की बात कही.
आंगनबाड़ी केंद्रों तक ले जाएंगे मिशन भरपूर
उपायुक्त ने कहा कि कुपोषित बच्चों में न्यूट्रीशन की कमी पूरी करने के उद्देश्य से जिला कांगड़ा में मिशन भरपूर की शुरुआत की गई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन तथा महिला बाल विकास विभाग की ओर से शुरू किये गये इस अभियान में कुपोषित बच्चों के लिए सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर के सहयोग से चॉकलेट बार तैयार करवाई गई हैं. उन्होंने कहा कि मोटे अनाज से बनी इस चॉकलेट बार में सभी पौषक तत्व मौजूद हैं, जो बच्चों में कूपोषण को दूर करने में सहायक सिद्ध होगी.
डीसी ने कहा कि कांगड़ा जिला में आंगनबाड़ी केंद्रों तक इस अभियान को ले जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिले में इसके तहत 920 कुपोषित बच्चों की पहचान की गई है तथा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से इन बच्चों तक पोष्टिक तत्वों से युक्त चाकलेट बार पहुंचाई जाएगी. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी उपस्थिति में कुपोषित बच्चों को यह चॉकलेट बार खिलाएंगे तथा आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक पाक्षिक निरीक्षण के दौरान खपत का सत्यापन करेंगे.
मोटा अनाज नहीं अमृत है श्रीअन्न: नेकराम
इस दौरान पदमश्री पुरस्कार से अलंकृत नेकराम ने अपने संबोधन में कहा कि यह मोटा अनाज नहीं अपितु अद्भुत अनाज एवं अमृत है. उन्होंने कहा कि यह अनाज कभी भी खराब नहीं होता इसलिए इसके सेवन से सेहत भी कभी खराब नहीं होगी. उन्होंने कहा कि आज के समय में हम केवल चावल और गेहूं पर ही निर्भर हैं, जिनमें सबसे कम पौष्टिकता होती है. उन्होंने कहा कि हमें पूरे वर्ष एक प्रकार का अन्न खाने की बजाय प्रकृति और ऋतु के अनुरूप अन्न का सेवन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मोटे अनाज से बने भोजन का रंग भले ही काला, पीला और भूरा है लेकिन इनकी पौष्टिकता सर्वाधिक है.
इसी खूबी के चलते इसे श्रीअन्न नाम दिया गया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भी 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया है. उन्होंने कहा कि जहां तक मिलेट्स के फायदे की बात है तो श्रीअन्न में शामिल ज्वार ग्लूटेन फ्री और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. डायबिटीज के मरीजों के लिए बढ़िया भोजन है. इसी तरह बाजरा में विटामिन बी6, फॉलिक एसिड मौजूद है. ये खून की कमी को दूर करता है. मडुआ नेचुरल कैल्शियम का स्रोत है. बढ़ते बच्चे और बुजुर्गों की हड्डी मजबूत करने में मदद करता है. सांवा फाइबर और आयरन से भरपूर है. एसिडिटी, कब्ज और खून की कमी को दूर करता है. कोदो भी फाइबर से भरपूर है. घेंघा रोग, रूसी की समस्या से संबंधित बीमारी और बवासीर में फायदेमंद है.
इन गतिविधियों का हुआ आयोजन
स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग द्वारा आयोजित इस मेले में मोटे अनाज के लाभ और उनके उपयोग को लेकर लोगों में जागरूक पैदा करने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों और प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया. मेले में मिलेट्स से बने व्यंजनों के स्टाल लगाए गए. साथ ही मिलेट्स के फायदे बताने वाले जागरूकता के कार्यक्रम, विद्यार्थियों के बीच विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. मिलेट्स की उपयोगिता को दर्शाती प्रदर्शनियां विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गईं. ईट राइट के संदेश को व्यापकता देने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की तरफ से प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इसमें मिलेट्स (ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, मडुआ, सावां, आदि) को नियमित खाद्य के रूप में शामिल करने का संदेश विभिन्न माध्यमों से दिया गया. वहीं भवारना विकास खंड के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों ने मिलेट्स से संबंधित अपने स्टाल यहां लगाए.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार