धर्मशाला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी की प्रदेश कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक सोमवार (12 फरवरी) को संपन्न हुई. इस बैठक में प्रदेश भर से 140 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. प्रदेश सह मंत्री रितिक पालसरा ने बताया विद्यार्थी परिषद की वर्ष में दो बार प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होती है. 10 से 12 फरवरी तक आयोजित यह बैठक इस बार कांगड़ा जिला में हुई, जिसमें अगले एक वर्ष के लिए पूरी योजना बनाई गई और प्रदेश के अन्य मुद्दों पर भी बैठक में चर्चा हुई. उन मुद्दों के समाधान के लिए क्या प्रयास किया जा सकते हैं उसकी रणनीति भी बैठक में बनाई गई.
उन्होंने बताया कि शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा बैठक में की गई जिसमें कैंपस में विद्यार्थियों की अटेंडेंस बढ़ाने के लिए परिसर चलो अभियान पूरे प्रदेश में चलाए जाने का निर्णय लिया गया. इस बार विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश में एक लाख से ज्यादा सदस्यता का अभियान चलाएगी. पिछले वर्ष विद्यार्थी परिषद की पूरे प्रदेश में कुल सदस्यता 95,663 हुई है.
विद्यार्थी परिषद में पहले 18 संगठनात्मक जिले थे लेकिन इस बार सोलन में एक और संगठनात्मक जिला नालागढ़ को बनाने के लिए बैठक में प्रस्ताव लाया गया और नालागढ़ को नया संगठनात्मक जिला घोषित किया गया.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश ने बैठक में प्रदेश के वर्तमान परिदृश्य को लेकर भी प्रस्ताव पारित किया गया. वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश में कार्यरत सरकार द्वारा सत्ता में आने के लिए प्रदेशवासियों को 10 गारंटियां दी थी. यह मुद्दा प्रदेश के 80 लाख लोगों से जुड़ा हुआ है. प्रदेश सरकार को बने हुए एक वर्ष से भी अधिक का समय हो चुका है लेकिन अब तक कोई भी गारंटी धरातल पर नहीं उतर पाई है. प्रदेश सरकार ने युवाओं को पांच लाख नौकरियां देने का आश्वासन किया था लेकिन अभी तक पिछली सरकार द्वारा स्वीकृत नौकरियों को भरने की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है. राज्य चयन आयोग के गठन व संचालन की प्रक्रिया एक वर्ष में भी धरातल पर नहीं उत्तर पाई है.
प्रदेश में नशे का बढ़ता प्रचलन भी चरम पर पहुंच चुका है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में स्थित एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में नशे की पहुंच ने प्रदेश के हर माता-पिता को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. हर दिन हिमाचल प्रदेश में कहीं न कहीं पर नशे के कारण बर्बादी का मंजर देखने को मिल ही जाता है.
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बरसात में हुए नुकसान के कारण लोगों के घर निर्माण में मिलने वाले आर्थिक सहायता को बढ़ाया है तथा मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना को शुरू करके प्रदेश के बेसहारा बच्चों के भविष्य को संभालने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता का जो प्रावधान किया है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसका समर्थन करती है लेकिन प्रदेश के लाखों युवाओं, किसानों, महिलाओं तथा अन्य वर्गों को जो सुविधाएं देने की बात चुनावी घोषणा पत्र तथा सरकार की गारंटियों में की गई थी. उनको धरातल पर न पहुंचने की कड़ी आलोचना भी करती है. बेसहारा पशुओं की हालत पर भी चर्चा हुई.
बैठक में विषेश रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल अकांत, उत्तर क्षेत्रीय संगठन मंत्री विजय प्रताप व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार सहित राष्ट्रीय मंत्री राहुल राणा भी उपस्थित रहे.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार