धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार (8 फरवरी) को कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के तहत अंब पठियार में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की और जन समस्याएं सुनीं.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ज्वालामुखी के सुरानी में विकास खंड अधिकारी कार्यालय खोलने, ज्वालामुखी में जल शक्ति विभाग का मण्डल तथा मझीण में उपमण्डल खोलने की घोषणा की. उन्होंने मझीण व लगड़ू उप तहसीलों को तहसीलों का दर्जा देने तथा भड़ोली में उप-तहसील खोलने, लुथान व हिरण में पटवार सर्किल खोलने की भी घोषणा की.
उन्होंने व्यास नदी पर सिथोड़ा पतन व सुधंगल में पुल का निर्माण करने, ज्वालामुखी में हेलीपोर्ट स्थापित करने, ज्वालामुखी कॉलेज में प्रशासनिक भवन बनाने तथा यहां वाणिज्य, गणित, राजनीतिशास्त्र तथा हिंदी की स्नातकोत्तर कक्षाएं शुरू करने व ज्वालामुखी महाविद्यालय का नाम स्वतंत्रता सेनानी पंडित सुशील रत्न के नाम पर रखने की भी घोषणा की. उन्होंने राजकीय उच्च विद्यालय देहरियां व चौकाठ को जमा दो का दर्जा प्रदान करने, राजकीय माध्यमिक पाठशाला वनगल चौकी, थड़ा, सलिहार व बौहण-भारी को उच्च विद्यालय बनाने तथा पिहड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा लगड़ू में विद्युत बोर्ड का उप-मण्डल खोलने व मझीण व ठेहड़ा में 33 केवी सब स्टेशन स्थापित करने की भी घोषणा की.
इस अवसर पर जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के कल्याण के लिए अनेक महत्वकांक्षी योजनाएं शुरू कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक इनका लाभ सुनिश्चित किया है. प्रदेश में पहली बार राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर इंतकाल सहित अन्य मामलों का घर-द्वार पर निपटारा सुनिश्चित किया है. लगभग तीन माह में ही इंतकाल के रिकॉर्ड 89 हजार से अधिक मामले और तकसीम के 6029 लम्बित मामलों का निपटारा इन अदालतों के माध्यम से किया गया. जिला कांगड़ा में भी इंतकाल के 21,483 व तकसीम के 1133 मामले निपटाए गए हैं.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में शीघ्र ही 21 हजार युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाएगा. प्रदेश सरकार भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है और इसमें मेरिट को अधिमान दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘पिछली भाजपा सरकार के समय पेपर लीक किए गए. हमारी सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए तत्कालीन कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग कर नए राज्य चयन आयोग का गठन किया. इससे अब पात्र युवाओं को नौकरी के समुचित अवसर सुनिश्चित होंगे.’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य करते हुए अर्थव्यस्था को सुदृढ़ करने के लिए कड़े फैसले ले रही है. पिछली भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली में धकेला. गत वर्ष प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुुई तबाही के दौरान भाजपा मूक दर्शक बनी रही. विपक्ष न तो प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा नजर आया और न ही इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प का समर्थन किया.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व वित्त मंत्री से मिला और हिमाचल में भीषण आपदा से निपटने के लिए विशेष पैकेज की मांग की. तीनों भाजपा सांसदों से पूछा जाना चाहिए कि जब प्रदेश में इतिहास की सबसे बड़ी आपदा आई तो क्या वे प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से मिले? अब तक जो भी मदद मिली है, वह सभी राज्यों को आपदा के तहत निर्धारित बजट से ही मिली है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से विशेष राहत पैकेज का एक भी पैसा राज्य को नहीं मिल पाया है. प्रभावितों की मदद के लिए हमारी सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से 4500 करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया.’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए मुआवजा राशि में भी 25 गुणा तक की बढ़ोतरी की.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार