शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है. पार्टी ने लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों से आवेदन मांगे हैं. लोकसभा चुनाव के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया नौ फरवरी से आरंभ होगी, जो कि 15 फरवरी तक चलेगी.
खास बात यह है कि इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट के चाहवानों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. दावेदारों को आवेदन के लिए साथ 10 हजार रूपये का शुल्क चुकाना होगा. इससे पहले प्रदेश कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 25 हजार रुपए प्रति आवेदन फीस तय की थी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी आदेश में आवेदकों से सादे कागज पर शुल्क सहित आवेदन करने को कहा गया है. पार्टी का कोई सक्रिय सदस्य या पदाधिकारी, जो भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडऩा चाहता हो, वह आवेदन करने के लिए योग्य होगा.
प्रदेश कांग्रेस महामंत्री रजनीश किमटा ने बुधवार (7 फरवरी) को बताया कि सूबे की चार लोकसभा सीटों के लिए पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों व सक्रिय कार्यकर्ताओं से पार्टी टिकट के लिए सादे कागज पर आवदेन मांगे गए हैं. यह आवदेन 9 फरवरी से 15 फरवरी तक स्वीकार किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि आवदेन सादे कागज पर दस हजार की राशि सलंग्न होनी चाहिए.
रजनीश किमटा ने बताया कि आवदेन प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में 15 फरवरी अपराह्न 5 बजे तक स्वीकार किये जाएंगे. इसके बाद प्राप्त किसी भी आवदेन पर कोई विचार नहीं होगा.
प्रदेश में लोकसभा की चारों सीटों पर उम्मीदवार तलाशने के लिए पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी दिल्ली में बैठक कर चुकी है. एआईसीसी ने राज्य मंत्री रहे भक्त चरण दास की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में कांग्रेस नेता नीरज दांगी और यशोमति ठाकुर को स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया है.
नई दिल्ली में बीते सोमवार को स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक में उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया पर चर्चा हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी मौजूद रहे. इस बैठक में पार्टी टिकट के लिए आवेदन आमंत्रित करने का फैसला लिया गया था.
जानकारी अनुसार आवेदनों की छंटनी करने के अलावा स्क्रीनिंग कमेटी अपने स्तर पर भी आवेदकों का सर्वे करवाएगी. सर्वे के माध्यम से आवेदक की लोकप्रियता, समाज और पार्टी के लिए समर्पण, छवि, इतिहास के बारे में जनता और कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली जाएगी. बेहतर पाए जाने वाले नेताओं को पार्टी टिकट देने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा. स्क्रीनिंग कमेटी नामों की छंटनी कर पैनल बनाकर हाईकमान की मंजूरी को भेजेगा.
प्रदेश की चार में से तीन लोकसभा सीटें भाजपा और एक कांग्रेस के कब्जे में है. प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मंडी से सांसद हैं. प्रतिभा सिंह का दोबारा मंडी से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. अन्य तीन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस नए चेहरों पर दांव खेल सकती है.
कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल हमीरपुर लोकसभा सीट रहेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दोनों हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं. इस सीट पर पिछले अढ़ाई दशक से भाजपा का कब्जा है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हमीरपुर सीट से वर्तमान सांसद हैं. वह 2008 से इस सीट से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. कांग्रेस ने आखिरी बार 1996 के लोकसभा चुनाव में इस सीट को जीता था. 1996 में विक्रम सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीता.
इसके बाद भाजपा के सुरेश चंदेल ने 1998, 1999 और 2004 के तीन लोकसभा चुनाव हमीरपुर सीट से जीते. 2007 के चुनाव में भाजपा के प्रेम कुमार धूमल ने फिर लोकसभा चुनाव जीता. वर्ष 2008, 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर लगातार जीतते आ रहे हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार