वाराणसी: जिला अदालत के निर्देश के बाद ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में गुरुवार (1 फरवरी) को विधिवत पूजा और भोग आरती हुई. तहखाने में 31 साल बाद पूजा-पाठ से वादी पक्ष में खुशी देखी गई. वाराणसी के जिला अदालत के बुधवार के आदेश के अनुपालन में उसी दिन देर रात को जिलाधिकारी और अन्य प्रशासनिक अफसर फोर्स के साथ ज्ञानवापी परिसर पहुंचे. देर रात व्यासजी के तहखाने में दीप प्रज्वलित कर पूजा की गयी. पूजा के बाद मौजूद लोगों में प्रसाद बांटा गया. रात में ही ज्ञानवापी में पूजा की तस्वीरें सोशल मीडिया में सामने आईं.
अधिकारियों के अनुसार व्यासजी के तहखाने में अभी आम श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित है. केवल पुजारी को ही पूजा-पाठ के समय आने-जाने दिया जाएगा. वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन किया जा रहा है. व्यासजी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ की अनुमति मिलने के बाद हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं और आम लोगों में भी खुशी है.
जिला जज ने बुधवार को व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ की इजाजत दी थी. अदालत ने तहखाने के रिसीवर जिलाधिकारी को निर्देश दिया था कि वह तहखाने में पुजारी से मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराएं. रिसीवर को सात दिन में लोहे की बाड़ का उचित प्रबंध कराने के भी निर्देश दिए. मुकदमे की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी. खास बात यह है कि इस तहखाने में 1993 से पहले की तरह पूजा-पाठ की अनुमति के लिए बीते साल 25 सितंबर को वादी शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने अदालत में वाद दायर किया था. वाद में आशंका जताई गई थी कि तहखाने पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी जबरन कब्जा कर सकती है. 17 जनवरी को जिला जज ने जिलाधिकारी को व्यासजी के तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया. इसके बाद पूजा की अनुमति भी अदालत ने दी.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार