शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते दो महीने से पड़ा सूखा बीती रात से हो रही बर्फबारी और बारिश से समाप्त हो गया है. राज्य के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी भागों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. लाहौल-स्पीति, कुल्लू, किन्नौर, चम्बा औऱ शिमला जिला के ऊपरी इलाकों में ताजा हिमपात हुआ है. शिमला के निकटवर्ती पर्यटक स्थलों कुफरी, नारकंडा और खड़ापत्थर बर्फबारी से सफेद हो गए हैं. पर्यटन नगरी डल्हौजी में भी बर्फ गिर रही है. लाहौल-स्पीति के प्रवेश द्वार अटल टनल रोहतांग में भारी बर्फबारी हुई है.
मंगलवार (30 जनवरी) बीती रात बर्फबारी के बीच टनल के साउथ पोर्टल में हिमाचल पथ परिवहन की एक बस और लगभग 50 वाहन फंस गए. इनमें 300 सैलानी यात्रा कर रहे थे. कुल्लु की एसपी साक्षी वर्मा ने बताया कि कुल्लु पुलिस ने सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया है. सूबे के ऊंचे इलाकों में लगातार हो रही बर्फ़बारी से सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हो रही है.
मौसम का रुख बदलने से जिले के बागवानों और किसानों के चेहरे खिल गए हैं. बारिश और बर्फबारी होने से अब किसान बागवानों को बेहतर फसल उत्पादन की उम्मीद जगी है. दरअसल बीते काफी समय से बारिश और बर्फबारी न होने से किसान बागवानों को फसलों के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ने का खतरा मंडरा रहा था. अब मौसम में परिवर्तन के बाद बर्फबारी और बारिश के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है. सर्दियों में बर्फबारी और बारिश फसलों के लिए लाभप्रद मानी जाती है. इससे भूमि में बराबर नमी बनी रहती है और नकदी फसलों के लिए यह बेहद लाभदायक होती है. सेब की बेहतर फसल के लिए चिलिंग आवर भी इससे पूरे होते हैं. इस समय बर्फबारी सेब के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती है.
प्रदेश के मैदानी भागों में कोहरा जमने से फसल को नुकसान पहुंच रहा था. अब बारिश होने के बाद कोहरे से कुछ हद तक निजात मिलेगी. इसके अलावा बारिश न होने से शुष्क ठंड का प्रकोप बढ़ गया था जिससे खांसी, जुकाम व बुखार के मामले बढ़ रहे थे. बारिश होने से इन बीमारियों में कमी आएगी. निचले हिमाचल में दो महीने से बारिश न होने से सूखे की स्थिति बनी हुई थी. अब बारिश से फसल को संजीवनी मिली है. किसानों का कहना है कि बारिश से गेहूं की फसल को फायदा होगा. किसानों के अनुसार कोहरे से आम, लीची व आड़ू के पौधों को नुकसान हो रहा था जो बारिश के बाद नहीं होगा.
हिमाचल में ताजा बर्फबारी से पर्यटन कारोबार को पंख लगने की उम्मीद है. राजधानी शिमला से सटे पर्यटक स्थल बर्फ से ढक गए हैं. शिमला शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित नारकंडा में बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है. इसका दीदार करने के लिए पर्यटकों ने यहां का रुख करना शुरू कर दिया है. अगले दो दिन बर्फ़बारी के पूर्वानुमान को देखते हुए भारी तादाद में सैलानियों के शिमला में जुटने का अनुमान है. शिमला शहर में भी मौसम बर्फ़बारी के लिए अनुकूल बना हुआ है. यहां सदियों के मौसम को पहले बर्फबारी का सैलानी बेसब्री से इंतजार कर रहे है.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि 31 जनवरी को चम्बा, कुल्लू, मंडी, शिमला, कांगड़ा, लाहौल स्पीति औऱ किन्नौर में भारी बर्फ़बारी का ऑरेंज अलर्ट रहेगा. वहीं एक फरवरी को चम्बा, कुल्लू, कांगड़ा और लाहौल-स्पीति में ओरेंज अलर्ट रहेगा. दो फरवरी को मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में मौसम साफ हो जाएगा. जबकि उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी हो सकती है. तीन व चार फरवरी को भी समूचे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा, लेकिन कोई अलर्ट नहीं रहेगा.
मौसम विभाग ने अगले 24 घण्टों में व्यापक बर्फ गिरने से राज्य के पहाड़ी इलाकों में परिवहन, बिजली व पेयजल की आपूर्ति बाधित होने की आशंका जताते हुए शासन-प्रशासन को सचेत रहने को कहा है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार