जॉर्डन में एक अमेरिकी चौकी पर हुए कई ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई है और कम से कम दो दर्जन सैनिक घायल हो गए. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस हमले की पुष्टि करते हुए रविवार को कहा, जॉर्डन में एक ड्रोन हमले में अमेरिकी सशस्त्र बलों के तीन सदस्यों की मौत हो गयी और ‘कई’ घायल हुए हैं. बाइडन ने इस हमले के लिए ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों को जिम्मेदार ठहराया है. बाइडन ने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ अमेरिका अपनी तरह से कार्रवाई करेगा. गाजा युद्ध की शुरुआत के बाद पहली बार मध्य पूर्व में दुश्मन की गोलीबारी में अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं. यूएस सेंट्रल कमांड ने रविवार (28 जनवरी) को एक बयान में ड्रोन हमले की पुष्टि करते हुए बताया, उत्तर-पूर्व जॉर्डन में एक बेस पर हुए एकतरफ़ा ड्रोन हमले में तीन सेवा सदस्य मारे गए और 25 घायल हो गए.
गाजा में इजराइल-हमास युद्ध के बीच ईरान समर्थित मिलिशिया द्वारा पश्चिम एशिया में अमेरिकी बलों के खिलाफ महीनों से जारी हमलों में पहली बार अमेरिकी नागरिक हताहत हुए हैं जिससे क्षेत्र में इस तनाव के गहराने का खतरा बढ़ गया है.
जॉर्डन ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है जिसकी सीमाएं इराक, इजराइल, फलस्तीनी क्षेत्र के वेस्ट बैंक, सऊदी अरब और सीरिया से लगी हुई हैं. अमेरिकी सुरक्षा बल लंबे समय से अपने आधार शिविर के तौर पर जॉर्डन का इस्तेमाल करते रहे हैं. अमेरिका के करीब 3,000 सैनिक जॉर्डन में तैनात हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन ज्यां-पियरे ने बताया कि बाइडन को रविवार सुबह हमले की जानकारी दी गयी.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार