शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार (24 जनवरी) को हमीरपुर जिला की बड़सर विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान 150 करोड़ रुपए की चार विकास परियोजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन किए. उन्होंने सतलुज नदी से बड़सर क्षेत्र के लिए विभिन्न उठाऊ पेयजल आपूर्ति योजनाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 138 करोड़ रुपए के कार्यों की आधारशिला रखी. इसके साथ ही 7 करोड़ रुपए की लागत से सुक्कर खड्ड पर बने पुल, 3.32 करोड़ रुपए की लागत से बड़सर में स्वास्थ्य विभाग के आवासीय भवन तथा 1.36 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित एडीए कार्यालय भवन का लोकार्पण भी किया.
बाद में उन्होंने बड़सर के बिझड़ी में ‘सरकार गाँव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा जन समस्याएं सुनीं. कार्यक्रम के दौरान कुल 51 समस्याएं प्राप्त हुई .
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिझड़ी में जल शक्ति विभाग और पीडब्ल्यूडी का सब डिविजन खोलने, बड़सर सिविल अस्पताल को 100 बिस्तर क्षमता का करने तथा उप स्वास्थ्य केंद्र सलौणी का दर्जा बढ़ाकर 10 बिस्तर का करने की घोषणा की. उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बड़सर, सोहारी, दांदड़ू में वाणिज्य व साईंस कक्षाएं शुरू करने, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घंगोट व समताणा में वाणिज्य संकाय की कक्षाएं तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुल्हेड़ा, धबीरी तथा लोहारली में साईंस कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की. उन्होंने बड़सर में आधुनिक बस अड्डा बनाने के साथ-साथ ताल स्टेडियम बिझड़ी के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा भी की.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘सरकार गांव के द्वार’ महज कार्यक्रम नहीं है, बल्कि इससे प्राप्त फीडबैक की झलक आने वाले बजट में दिखेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जन समस्याओं का समाधान करने को प्राथमिकता प्रदान कर रही है. वर्षों से लंबित राजस्व मामलों का निपटारा करने के लिए प्रदेश में राजस्व लोक अदालतें लगाई जा रही हैं, जिनमें अब तक 65 हजार से अधिक इंतकाल के मामलों का निपटारा किया गया है. उन्होंने इस पहल को सफल बनाने के लिए पटवारियों, कानूनगो सहित अन्य राजस्व अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने शिक्षा क्षेत्र की उपेक्षा की जिसके कारण हिमाचल गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के मामले में 18वें स्थान पर पहुंच गया है. वर्तमान सरकार शिक्षा में सुधार लाने के लिए कई प्रयास कर रही है, ताकि विद्यार्थी भविष्य की चुनौतियों को निपटने के लिए सक्षम हो सकें. प्रदेश में स्थापित किए जा रहे राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल आने वाले समय में स्कूली शिक्षा में सुधार लाने के साथ ही समाज की मानसिकता में भी बदलाव लाने में सहायक बनेगे. उन्होंने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई होगी, स्कूलों को स्मार्ट यूनिफार्म चुनने का अधिकार दिया गया है तथा क्लस्टर बनाकर संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार