शिमला: भारतीय जनता पार्टी ने यात्री वाहनों पर राज्य की सरकार के टैक्स में बढ़ोतरी करने की कड़ी आलोचना की. भाजपा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार से छह गुणा टैक्स बढोतरी को वापस लेने की भी मांग की है.
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता चेतन बरागटा और संदीपनी भारद्वाज ने बुधवार (24 जनवरी) को एक बयान में कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार तुगलकी फरमान जारी कर प्रदेश की जनता पर बोझ डालने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने छोटे यात्री वाहनों पर टैक्स में छह गुना बढ़ोतरी कर इसे 20 जनवरी को राजपत्र में अधिसूचित कर लागू भी कर दिया है. प्रदेश में पंजीकृत पांच सीटों से कम क्षमता वाले व्यावसायिक वाहनों को सालाना 1,350 के स्थान पर आठ हजार रुपये, पांच सीटर से अधिक और 10 सीटर से कम क्षमता वाले वाहनों को आठ सौ के स्थान पर दो हजार रुपये प्रति सीट प्रति साल, 10 सीटर से अधिक और 23 सीटर से कम वाले वाहनों पर एक हजार के स्थान पर तीन हजार रुपये प्रति सीट प्रति साल और 23 सीटर से अधिक क्षमता वाले वाहनों को 1,500 के स्थान पर पांच हजार रुपये प्रति सीट किराया चुकाना होगा.
चेतन बरागटा ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए सरकार ने 1 सिंतबर, 2023 से विशेष पथकर की दरें तीन हजार से छह हजार रुपये रोजाना लागू कर दी थीं, जिसके बाद बाहरी राज्यों के ट्रेवल एजेंटों ने हिमाचल प्रदेश का बहिष्कार करना शुरू कर दिया था. बरागटा ने कहा कि बड़ी हुईं दरों के कारण हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बढ़ी हुई दरों को प्रदेश सरकार तुरंत वापस ले और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग को सुदृढ़ करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए.
भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि पर्यटन विभाग हिमाचल प्रदेश को 15 हजार करोड़ का रेवेन्यू जरनेट करता है. हिमाचल प्रदेश मे पर्यटन विभाग बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पूरी तरह कन्फ्यूज है. प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस विभाग के माध्यम से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का प्रयास करना चाहिए तथा इस विभाग को अधिक सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार को सहयोग करना चाहिए.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार