अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि पर 22 जनवरी को दोपहर के समय रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही साढ़े पांच सौ साल का इंतजार खत्म हुआ तो देश और दुनिया भर में फैले श्रद्धालु अपने आराध्य का दीदार करना चाह रहे हैं. राम भक्तों की कतार नहीं लग पा रही, हुजूम उमड़ पड़ा है. भक्तों के सैलाब को संभालने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद समेत अन्य अधिकारी अयोध्या में ही डटे हुए हैं. प्रशासन के मुताबिक 23 जनवरी को अपराह्न तीन बजे तक लगभग तीन लाख श्रद्धालु रामलाल के दर्शन कर लिए हैं.
स्थानीय प्रशासन का अनुमान है कि 23 जनवरी को 20 लाख श्रद्धालु रामलला के दरबार में पहुंच सकते हैं. ऐसा हुआ तो एक बार फिर अयोध्या विश्व रिकार्ड बनाएगी. ब्रह्मांड के ब्रह्म शक्ति प्रभु श्रीराम की झलक पाने को बेताब श्रद्धालुओं का जोश आस्था की डगर पर अलौकिक छटा बिखेर रही थी. रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया था कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन सभी घर पर ही श्रीराम ज्योति जलाएं और दीपोत्सव मनाएं. प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से सबको रामलला का दिव्य दर्शन मिलेगा. ऐसे में सभी को बेसब्री से 23 जनवरी का इंतजार था. सूर्योदय से पहले ही श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन को राम दरबार में कतारबद्ध थे. रामलला का दरबार खुलने पर जय श्रीराम के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया. दिन चढ़ते-चढ़ते भीड़ इस कदर बढ़ी कि पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद अयोध्या पर नजर बनाए हुए हैं. स्थितियों को देखते हुए उन्होंने शासन के अधिकारियों को मौके पर रहकर स्थिति को संभालने के निर्देश दिए हैं. स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ आला अफसर भी मंदिर प्रांगण में मौजूद हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार