अयोध्याधाम: प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्याधाम और भक्तों का वर्षों से देखा जा रहा स्वप्न आज (सोमवार) पूरा हो जाएगा. अयोध्याधाम रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सज-धजकर पूरी तरह तैयार है. नवनिर्मित बहुप्रतीक्षित श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए दिव्य और भव्य अनुष्ठान को शुरू होने में अब कुछ घंटे का समय शेष है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विधि-विधान से होने वाले सभी धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगे. नवनिर्मित श्रीराम मंदिर को मंगलवार को आम जनता के दर्शानार्थ खोल दिया जाएगा.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12:20 बजे शुरू होगा. इसके पूर्ण होने के पश्चात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आयोजन स्थल पर संतों और प्रतिष्ठित शख्सियतों समेत 7,000 से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम का टेलीविजन और ऑनलाइन मंचों पर सीधा प्रसारण होगा.भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों और ओडिशा ने एक दिन के अवकाश की घोषणा की है. केंद्र सरकार ने आधे दिन की छुट्टी का एलान किया है. देश के विभिन्न हिस्सों से 14 दंपति प्राण प्रतिष्ठा के लिए यजमान होंगे. इस भव्य और दिव्य समारोह के मद्देनजर अनुष्ठान 16 जनवरी को शुरू हुए थे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार सभी अनुष्ठान 21 जनवरी को पूरे हो गए.
उल्लेखनीय है कि मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की नई 51 इंच की मूर्ति को गुरुवार दोपहर को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया. एक कपड़े से ढकी आंखों के साथ नई मूर्ति की पहली तस्वीर शुक्रवार को जारी की गई. चंपत राय के अनुसार, श्रीराम मंदिर में प्रवेश पूर्वी दिशा से होगा और निकासी दक्षिण दिशा से होगी. मंदिर की पूरी संरचना तीनमंजिला है. श्रद्धालुओं को मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़नी होगी. पारंपरिक नागर शैली में बना मंदिर परिसर 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा है. मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची है. कुल 392 स्तंभ और 44 द्वार हैं. शासनस्तर पर इस विशेष अवसर के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है. रही है और शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
अयोध्याधाम सभी मुख्य चौराहों पर कंटीले तारों के अवरोध लगाए गए हैं. भूकंप और बाढ़ जैसी घटनाओं के साथ ही रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु हमलों से निपटने के लिए प्रशिक्षित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) दलों को भी तैनात किया गया है. जिला प्रशासन ने ठंड के प्रकोप के मद्देनजर किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता तैयारियां की हैं. अयोध्याधाम, आसपास के जिला अस्पतालों और यहां के मेडिकल कॉलेज में बिस्तरों को आरक्षित रखा गया है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में डॉक्टरों को आपात स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण दिया है.
नवनिर्मित भव्य राम मंदिर को फूलों और विशेष रोशनी से सजाया गया है. इस समय प्रभु श्रीराम की नगरी को शुभ घड़ी आई, तैयार है अयोध्या धाम, विराजेंगे श्री राम, राम फिर लौटेंगे, अयोध्या में राम राज्य जैसे नारों वाले पोस्टर और होर्डिंग से पाट दिया गया है. राम मार्ग, सरयू नदी तट और लता मंगेशकर चौक पर रामायण के विभिन्न श्लोक वाले पोस्टर लगाए गए हैं. विभिन्न स्थानों पर रामलीला हो रही है. सरयू नदी का तट भी सजा-धजा है. शाम की आरती में हजारों लोग शामिल हो रहे हैं. इस कार्यक्रम के मद्देनजर देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बीमा कंपनियां, वित्तीय संस्थान और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी 22 जनवरी को आधे दिन के लिए बंद रहेंगे. एनएसई और बीएसई स्टॉक एक्सचेंज भी सोमवार को कारोबार नहीं करेंगे.
अयोध्याधाम में प्राण प्रतिष्ठा से पहले करीब दो घंटे तक दिव्य मंगलगान की ध्वनि सुनाई देगी. इस वादन में देशभर के 50 पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाएगा. अयोध्याधाम के प्रसिद्ध कवि यतींद्र मिश्र इस भव्य संगीतमय प्रस्तुति के संयोजक हैं. इसकी प्रस्तुति संगीत नाटक अकादमी दिल्ली के सहयोग से की जाएगी. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, यह प्रस्तुति सुबह 10 बजे शुरू होगी. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक से वीणा, महाराष्ट्र से सुंदरी, पंजाब से अलगोजा, ओडिशा से मर्दला, मध्य प्रदेश से संतूर, मणिपुर से पुंग, असम से नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ से तंबूरा, बिहार से पखावज, दिल्ली से शहनाई और राजस्थान से रावणहत्था बजाने वाले कलाकर शामिल होंगे.
पश्चिम बंगाल के श्रीखोल और सरोद, आंध्र प्रदेश से घटम, झारखंड से सितार, तमिलनाडु से नादस्वरम और मृदंग, और उत्तराखंड से हुड़का कलाकर भी कार्यक्रम में भाग लेंगे. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 7,000 से अधिक लोगों की लंबी सूची में, प्रमुख राजनीतिक नेता, बड़े उद्योगपति, फिल्म अभिनेता, खिलाड़ी, नौकरशाह और राजनयिक शामिल हैं. इसके अलावा श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोगों को भी आमंत्रित किया गया है.सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी और मशहूर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर भी अतिथियों की सूची में शामिल हैं.
इस दिव्य और भव्य समारोह के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से उपहार भेजे गए हैं. इनमें भगवान राम की तस्वीर वाली चूड़ियों से लेकर 56 किस्म के पेठा और 500 किलोग्राम का लोहे-कांसे का नगाड़ा और अमरावती से आई 500 किलोग्राम कुमुकम शामिल है. श्रीराम मंदिर प्रबंधन समिति को 108 फुट की अगरबत्ती, 2,100 किलोग्राम की घंटी, सोने की चप्पल, 10 फुट ऊंचा ताला और चाभी और आठवीं सदी का समय बताने वाली एक घड़ी समेत कई उपहार मिले हैं. नेपाल में माता सीता के जन्मस्थान जनकपुर से 3,000 से अधिक उपहार भी आए हैं. श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल रामायण में उल्लेखित अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार लाया है. इसके अलावा वाशिंगटन से लेकर पेरिस और सिडनी तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 22 जनवरी को कार्यक्रमों की घोषणा की गई है. यह कार्यक्रम 60 देशों में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और हिंदू प्रवासी समुदाय के तत्वावधान में होंगे.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार