शिमला: आपदा की मार झेल चुके हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सर्दियों के शुष्क मौसम में भूस्खलन की एक बड़ी घटना सामने आई है. शिमला ग्रामीण क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत घंडल में एक पांच मंजिला मकान पलभर में जमीदोज हो गया.
शिमला-बिलासपुर नेशनल हाइवे के किनारे सोलह मील नामक स्थान पर बना यह भवन शनिवार (20 जनवरी) को दिन में ताश के पत्तों की तरह भरभराकर धराशायी हो गया. हालांकि इस घटना में किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है. इस भवन में लॉ कॉलेज के छात्र रहते थे. एक हफ्ता पहले दरारों के कारण इस भवन को खाली करवा दिया गया था. इसके ध्वस्त होने से इससे सटी धामी डिग्री कॉलेज का भवन भी खतरे की जद में आ गया है. कॉलेज भवन में बड़ी दरारें पड़ गई हैं. धराशायी हुआ पांच मंजिला भवन का मालिक राजकुमार शर्मा है.
इस भवन गिरने की वजह जमीन की कटिंग बताई जा रही है. दरअसल जमीदोंज हुए भवन से सटी जमीन के प्लॉट की कटिंग का काम चल रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो प्लॉट के कटिंग के बाद राजकुमार के पांच मंजिला भवन में दरारें आने लगीं थीं और शनिवार को यह भवन ढह गया. भवन के ढहने के बाद बालूगंज थाना क्षेत्र की टीम मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया.
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि जमींदोज हुए पांच मंजिला भवन में पीजी चल रहा था. इस भवन में लॉ कॉलेज के छात्र रहते थे. भवन में दरार आने पर इसे पूरी तरह से खाली करवा दिया गया था. उन्होंने कहा कि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है.
बता दें कि एनएच से सटे इस क्षेत्र में कई बहुमंजिला भवन बने हैं. नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का परिसर भी इसी जगह है. दो साल पहले मानसून सीजन के दौरान यहां नेशनल हाइवे का लगभग 180 फुट हिस्सा टूट गया था. इससे शिमला का राज्य के आठ जिलों से सम्पर्क कट गया था. नेशनल हाइवे के टूटे हिस्से पर बैली ब्रिज बना है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार