शिमला: भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बस सेवा शुरू करेगा. हिमाचल से अयोध्या के लिए एचआरटीसी की छह बसें जल्द दौड़ने वाली हैं. गुरूवार (18 जनवरी) को शिमला में आयोजित एचआरटीसी की निदेशक मंडल की बैठक में छह बसें चलाने को मंजूरी प्रदान की गई.
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व परिवहन विभाग का जिम्मा संभाल रहे मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि दर्शन सेवा योजना के तहत अयोध्या के लिए बस सेवा शुरू की जाएगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार से बातचीत चल रही है.
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दर्शन सेवा योजना के तहत 175 धार्मिक रूटों पर एचआरटीसी की बसें चलेंगी. प्रदेश सहित देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए इन बसों का संचालन होगा. इन बसों की बाकायदा ब्रांडिंग भी की जाएगी, ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके और वे धार्मिक स्थलों की यात्रा कर पाएं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खाटू श्याम, चिंतपूर्णी, ज्वालामुखी सहित कुछ धार्मिक स्थलों के लिए बस सेवा शुरू कर चुकी है और अब अध्योध्या, मथुरा, बं्रदावन व अन्य प्रमुख स्थलों के लिए बसें चलाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि दर्शन सेवा के तहत धार्मिक स्थलों के लिए दौड़ने वाली बसें मंत्रोच्चारण के साथ रवाना होंगी.
चार साल में एचआरटीसी के बेड़े में शामिल होंगी 1900 इलेक्ट्रिकल बसें
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी की बीओडी के निर्णयों की जानकारी देते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी ने अगले चार वर्ष में 1900 इलैक्ट्रिक बसों को खरीदने का निर्णय लिया है. इनमें 327 बसें इसी साल खरीदी जाएंगी. हिमाचल को हरित राज्य बनाने की दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नई इलैक्ट्रिक बसों में यात्रियों को सामान रखने की भी सुविधा मिलेगी.
एचआरटीसी देगा नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की सुविधा
एचआरटीसी की बसों में कैशलेस सर्विस को शुरू करने का निर्णय लिया गया है. जिसके लिए एचआरटीसी एक एनसीएमसी कार्ड बनाएगा जो एचआरटीसी की बसों में दूसरे राज्यों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी मान्य होगा.
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल राज्य पथ परिवन जल्द नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) की सुविधा प्रदान करेगा. यह सुविधा देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बनेगा. इस सेवा के तहत एचआरटीसी यात्रियों को एक कार्ड जारी करेगी. यात्री पूरे देश में इस कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में हर साल स्कूली बच्चों की सुविधा के लिए आनलाइन बस पास देने का निर्णय लिया गया है. इससे स्कूली बच्चों को पास बनाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि शिमला शहर के स्कूलों को बसों की सुविधा देने से एचआरटीसी को 14 करोड़ रूपये सालाना का नुकसान हो रहा है.
एचआरटीसी पांच लाख हर रोज सफर करते हैं. विद्यार्थियों को पास बनाने के ऑनलाइन सुविधा एचआरटीसी देने वाला है उन्हें लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा. शिमला में एचआरटीसी को 14 करोड़ का घाटा कांवेंट स्कूलों में बस सेवा चलाने से हो रहा है.
एचआरटीसी के बाहरी राज्यों के 200 रूट घाटे में
उपमुख्यमुत्री ने खुलासा किया कि एचआरटीसी के बाहरी राज्यों को जाने वाले 200 रूट घाटे में चल रहे हैं. यह चिंता की बात है और इसे लेकर गहनता से मंथन किया जा रहा है. शिमला शहर के चिन्हित रूटों पर दौड़ने वाली एचआरटीसी की टैक्सियां भी घाटे में हैं. उन्होंने कहा इन रूटों को घाटे से उबारने के लिए आगामी दिनों में कदम उठाए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि बीते वर्ष एचआरटीसी में 902 लोगों को रोजगार दिया गया. वहीं परिचालकों के परिणाम जल्द घोषित होने वाला है. चालकों की जल्द भर्ती की जाएगी. करूणामूल आधार पर 76 पदों को भरा जाएगा. इसके अलावा पीसमील के पदों पर भी तैनाती की जाएगी. उन्होंने कहा कि एचआरटीसी की वितीय हालत मजबूत न होने के बावजूद कर्मचारियों व पेंशनरों को समय पर वेतन व पेंशन जारी की जा रही है. पिछले तीन माह से पहली तारीख को वेतन व पेंशन मिल रही है. अक्तूबर व नवंबर महीने में एचआरटीसी की आय में साढ़े सात करोड़ की बढ़ौतरी हुई है. लगेज पालिसी से एचआरटीसी को 30 लाख की अतिरिक्त आय प्राप्त हुई है. वहीं प्रति किलोमीटर आय में 4.72 प्रतिशत बढ़ी है. उन्होंने यह भी बताया कि एचआरटीसी ने डैडमाइलेज को 1 लाख 33 हजार 709 किलोमीटर कम किया है.
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी अपनी स्थापना के 50वें वर्ष में प्रवेश कर रही है और एचआरटीसी ने जनता की भरपूर सेवा की है. रोजाना पांच लाख लोग एचआरटीसी की बसों में सफर करते हैं.एचआरटीसी के 50 वर्ष पूरे होने पर निगम कॉफी टेबल बुक, म्यूजियम,फोटो एंड वीडियो प्रतियोगिता सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. एचआरटीसी के अब तक के सफरनामे को लेकर म्यूजियम स्थापित किया जाएगा.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार