डॉ. मनसुख मांडविया
इसमें कोई संदेह नहीं कि महिला सशक्तिकरण एक मजबूत एवं विकसित राष्ट्र के निर्माण की कुंजी है. यह सशक्तिकरण तब और अधिक उद्देश्यपूर्ण हो जाता है जब महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध होती हैं और ग्रामीण समृद्धि में योगदान देती हैं. नमो ड्रोन दीदी, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 30 नवंबर 2023 को विकसित भारत संकल्प यात्रा में लाभार्थियों के साथ बातचीत के दौरान घोषित एक पहल है, उसका उद्देश्य कृषिगत प्रयोजनों के लिए किसानों को किराये की सेवाएं प्रदान करने हेतु 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करना है. यह ग्रामीण समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करने की दिशा में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु तकनीकी नवाचार का उपयोग करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. यह बहुआयामी योजना हमारी कृषि पद्धतियों को आधुनिक बनाने और ग्रामीण महिलाओं के हाथों में अत्याधुनिक तकनीक देकर कृषि उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता को प्रभावी ढंग से पूरा करती है. यह पहल महिलाओं को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केन्द्र बिंदु बनाती है और नई कृषि क्रांति को प्रेरित करती है. यह योजना देश के युवा, जीवंत, सक्रिय एवं उत्साही स्टार्टअप को असीम संभावनाओं वाले ड्रोन एयरोनॉटिक्स के उभरते क्षेत्र में प्रवेश करने के नए अवसर प्रदान करती है.
पौधे की पत्तियों पर अनुप्रयोग योग्य नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे नवीन तरल उर्वरकों के आगमन ने कुशल फर्टिगेशन विधि के विकास की आवश्यकता को बढ़ा दिया है. यह प्रधानमंत्री ही थे जिन्होंने स्वयं सहायता समूहों की महिला पायलटों के हाथों में ड्रोन तकनीक देने के ऐसे शानदार विचार की परिकल्पना की.
भले ही भारत उर्वरकों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन गैस, फॉस्फेटिक और पोटाश खनिज आदि जैसे प्राकृतिक संसाधनों की अपर्याप्त उपलब्धता के कारण यह उर्वरकों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक भी है. आयात पर इस निर्भरता को दूर करने हेतु सरकार ने कई बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार की सुविधा प्रदान की है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना के तहत नए उर्वरक संयंत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित किया है. इन कदमों ने भारतीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उर्वरकों की अस्थिर कीमतों से सफलतापूर्वक बचाया है. उर्वरक सब्सिडी के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करने में समर्थ रही है कि किसानों को सही समय पर सही कीमत पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हो.
कोविड महामारी और हाल की वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति ने कुछ कठिनतम चुनौतियां प्रस्तुत कीं, जब दुनिया भर में उर्वरकों की कीमतें बेतहाशा बढ़ गईं. हमने इन चुनौतियों को अवसरों में बदलने का निर्णय लिया. सरकार ने वैकल्पिक उर्वरकों के विकास के लिए स्वदेशी अनुसंधान को प्रोत्साहित किया, जिसकी परिणति तरल नवोन्मेषी नैनो उर्वरकों में हुई. इस नए आविष्कार की अगली चुनौती उर्वरकों के छिड़काव की कुशल प्रणाली विकसित करना था, इसका समाधान इस उभरती ड्रोन तकनीक ने प्रस्तुत किया.
किसान-ड्रोन के उद्भव ने कृषि पद्धतियों में क्रांति लाने की अपार संभावनाएं प्रस्तुत की हैं. पंप को हाथ में पकड़ कर कीटनाशकों और तरल उर्वरकों का छिड़काव करने की पारंपरिक प्रणाली न केवल समय की अधिक खपत वाली और बोझिल होती हैं, बल्कि खेतों में जहरीले सरीसृपों और छिपे हुए जंगली जानवरों जैसे अनेक खतरों से भरपूर भी होती हैं. कृषि ड्रोन के माध्यम से छिड़काव प्रणाली का स्वचालन समय की बचत और कुशल अनुप्रयोग प्रणाली प्रदान करता है. किसान ड्रोन की आवश्यकता ने युवा स्टार्टअप के लिए अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अवसरों की नई श्रृंखला प्रस्तुत की है. ड्रोन निर्माण की गतिविधि ने देश के युवाओं के लिए रोजगार के अपार अवसरों का सृजन किया है. इसके अलावा, यह नया क्षेत्र ग्रामीण महिला पायलटों, मैकेनिकों और स्पेयर पार्ट डीलरों के लिए भी अवसरों का सृजन करेगा.
मेरा दृढ़ विश्वास है कि ‘विकसित भारत’ की अवधारणा प्राप्त करने के लिए महिला सशक्तिकरण पूर्व शर्त है. नमो ड्रोन दीदी योजना महिलाओं के लिए काम के नए अवसर प्रदान करती है, ताकि उन्हें ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बनाया जा सके. यह हमारी कृषि पारिवारिक संस्कृति को अधिक न्यायसंगत और मजबूत बनाने में पर्याप्त मदद करेगा. महिला ड्रोन पायलट कृषि उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. ड्रोन के माध्यम से कीटनाशकों और तरल उर्वरकों के छिड़काव से न केवल किसानों को शारीरिक मेहनत और कठिनाई से राहत मिलेगी, बल्कि इसकी गति भी त्वरित होगी और कीमती समय की भी बचत होगी, जिसका उपयोग अधिक उत्पादक कार्यों के लिए किया जा सकता है.
नमो ड्रोन दीदी निश्चित रूप से आमूल-चूल बदलाव लाने वाली साबित होगी. यह योजना महिला सशक्तिकरण के एक नए अध्याय का सूत्रपात करेगी और ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों और ग्रामीण समृद्धि के केंद्र में रहने का अवसर प्रदान करके कई मुद्दों का प्रभावी ढंग से समाधान करेगी. इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक छत के नीचे कृषि सेवाएं प्रदान करने वाले प्रधानमंत्री कृषि समृद्धि केंद्रों के नव निर्मित नेटवर्क द्वारा समर्थित यह योजना, हमारे जैसे बड़े पैमाने पर कृषि प्रधान देश में आधुनिक कृषि क्रांति और समृद्धि का अग्रदूत साबित होगी.
(लेखक, केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हैं.)
साभार- हिन्दुस्थान समाचार