शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस समय नया दौर नहीं कुप्रबंधन का दौर चला है और प्रदेश सरकार को आम आदमी के हितों की चिंता नहीं है. भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजीव सहजल ने गुरूवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं ठप पड़ गई हैं. पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में जहां अस्पतालों में सरकार द्वारा अधिकृत क्रसना लैब में 56 प्रकार के टेस्ट निशुल्क होते थे, वहीं अब यह सब टेस्ट करवाने के लिए आम आदमी को निजी लैब का रुख करना पड़ रहा है. निजी लैब के बाहर लोगों की कतारें लगी हुई हैं और महंगे दरों के ऊपर लोगों को यह टेस्ट करवाने पड़ रहें.
भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार के कुप्रबन्ध से ये दौर शुरू हुआ है और यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2021 में कॉन्ट्रेक्ट टेंडर प्रक्रिया के द्वारा क्रसना लैब ने कार्य करना प्रारम्भ किया था. क्रसना लैब पूरे प्रदेश के अंदर सभी मुख्य अस्पतालों को अधिकृत किया गया था. आम आदमी के सभी टेस्ट करने का और इसमें छोटी इन्वेस्टिगेशन से लेकर के हाई एंड इन्वेस्टिगेशन में जैसे सीटी स्कैन तक का सारा कार्य क्रसना लैब को दिया गया था. परन्तु आज क्रसना लैब का तकरीबन 54 करोड़ रूपये देय है और बार-बार कंपनी के नोटिस दिए जाने के बावजूद यह पैसा प्रदेश सरकार ने इस लैब को दिया नहीं गया है.
उन्होंने कहा कि क्रसना लैब के माध्यम से 56 प्रकार के टेस्ट हिमाचल प्रदेश में फ्री होते हैं. यह व्यवस्था भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सन् 2018 में जनहित में की थी . परन्तु आज यह सब टेस्ट करवाने के लिए आम आदमी को निजी लैब का रुख करना पड़ रहा है.
वहीं भाजपा मीडिया विभाग प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा कि क्रसना लैब के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के सभी हॉस्पिटल्स में मरीज अपना टेस्ट मुक्त करवा सकते थे और उन टेस्टों का खर्चा सरकार वहन करती थी, परंतु जब से यह सरकार आई है, तो इस लैब को इस सरकार ने पैसा देना बंद कर दिया और ऐसे में क्रसना लैब ने 2 दिन पहले से टेस्ट करने बंद कर दिए. जिससे हिमाचल प्रदेश की जनता बहुत ही परेशान हो रहे.
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि क्रसना लैब की देनदारी को अदा करके फ्री टेस्ट की सुविधाएं मरीजों को तुरंत मुहैया करवाई जाए.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार