नई दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने बुधवार को पहला स्वदेशी मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस दृष्टि-10 यूएवी नौसेना को सौंप दिया. इसे अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज ने हैदराबाद स्थित यूएवी कॉम्प्लेक्स में निर्मित किया है. हर्मीस यूएवी पर आधारित स्टारलाइनर दृष्टि-10 यूएवी जल्द ही नौसेना और सेना में शामिल होगा. उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष और उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद यह यूएवी विकसित करके नौसेना को सौंपा जाना महत्वपूर्ण है.
नौसेना प्रमुख ने कहा कि अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज में पहले स्वदेशी मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस यूएवी की प्रगति का जायजा लेने और समीक्षा करने के लिए आपके बीच आना वास्तव में सम्मान और गर्व की बात है. दृष्टि-10 अनुबंध के बाद केवल 10 महीनों में अपने नाम के अनुरूप यह यूएवी दिन की रोशनी ‘देख’ चुका है. उन्होंने कहा कि समसामयिक दुनिया के तेजी से विकसित हो रहे और गतिशील तकनीक से जुड़े युद्धों में स्वायत्त प्रणालियों के महत्व पर जोर देने की कोई आवश्यकता नहीं है. हम अपने घरों में बैठे-बैठे यूरोप और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्षों में उनके प्रभाव को देखते रहते हैं. इसके अलावा उत्तरी अरब सागर में हाल की घटनाएं इस तरह की प्रणालियों के आतंकवादियों के हाथों में पड़ने पर उत्पन्न होने वाली चुनौतियां दर्शाती हैं.
एडमिरल कुमार ने कहा कि आज दुनिया भर के देशों के लिए युद्ध के क्रम में स्वायत्त प्रणालियां पसंदीदा विकल्प बनती जा रही हैं. हमारे दोनों निकटतम पड़ोसियों के पास सामूहिक रूप से यूएवी की एक बहुत बड़ी सूची है. इसलिए एक राष्ट्र के रूप में और सशस्त्र बलों के रूप में हमें चुस्त और सतर्क रहकर इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करना जारी रखें. भारतीय नौसेना पिछले दो दशकों से यूएवी का संचालन कर रही है, जो नौसेना के आत्मनिर्भर और ‘फ्यूचर-प्रूफ’ बल होने के ‘विजन’ का प्रतीक है. ऐसे परिष्कृत और विशिष्ट प्लेटफार्मों के स्वदेशीकरण को अपनाने और एकीकृत करने में सशस्त्र बलों के बीच अग्रणी के रूप में हमारे कद को भी मजबूत करती है.
उन्होंने आज नौसेना को सौंपे गए दृष्टि-10 यूएवी की खूबियों के बारे में बताया कि अत्याधुनिक सेंसर, उन्नत सहनशक्ति, उन्नत संचार क्षमताओं के साथ-साथ स्वचालित टेक ऑफ और लैंडिंग (एटीओएल) जैसी नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के साथ इंटेलिजेंस, निगरानी और विश्वसनीयता बढ़ेगी. दृष्टि-10 आकाश में हमारी तीसरी आंख बन सकता है, जिससे हमारी नौसेना भारत पर बुरी नजर डालने की हिम्मत करने वाले किसी भी व्यक्ति पर निशाना साधने में सक्षम होगी. मुझे विश्वास है कि दृष्टि-10 यूएवी भारत के राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा के लिए हमारे भविष्य के नौसैनिक अभियानों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और हिंद महासागर क्षेत्र में हमारे दोस्तों और भागीदारों के सहयोग से समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार