कुल्लू: शास्त्री पद के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए आर एंड पी रूल पर संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ की जिला कुल्लू इकाई ने अपना विरोध जताया है. कुल्लू इकाई के अध्यक्ष सतपाल ने कहा कि 11 अक्टूबर 2023 को सरकार ने शास्त्री पद की भर्ती के लिए नए आरएमपी रूल लागू किए हैं.
उन्होंने कहा इन रूल के लागू होने से शास्त्री करने वाले युवाओं के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ किया गया है. नए रूल के अनुसार शास्त्री पद के लिए बीएड करना जरूरी है.
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 5000 शास्त्री है जिनके भविष्य से सीधे तौर पर खिलवाड़ किया जा रहा है. जबकि इस रूल के अनुसार बीएड करने के साथ-साथ संस्कृत को वैकल्पिक विषय पढ़ने के बाद उनकी इसके लिए योग्यता बनेगी जबकि पांच विषय व्याकरण, ज्योतिष आदि पढ़ने के बाद भी शास्त्री करने वाले युवा इसे बाहर हो जाएंगे.
उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वह शास्त्री पद के लिए आरएंडपी रूल 2012 को ही लागू रखें ताकि शास्त्री करने वाले युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो.
सेवा निवृत जिला भाषा अधिकारी एवं संस्कृत विद डॉक्टर सीताराम ठाकुर ने कहा कि शास्त्री के लिए नए आरएमपी रूल लागू करना संस्कृत भाषा को प्रदेश में हाशिए पर ले जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जो किसी भी सूरत में मान्य नहीं होगा.
उन्होंने कहा जिस प्रकार ओपीएस को सरकार द्वारा लागू किया गया था उसी प्रकार शास्त्री पद की भर्ती पुराने नियमों के अनुसार की जाए. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो आने वाले समय में सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ना पड़ सकता है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार