शिमला: हिमाचल प्रदेश में घूमने आने वाले सैलानी पर्यटन निगम के होटलों में क्यूआर कोड से भुगतान कर सकेंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यटन निगम के होटलों समेत हिमाचल भवन, हिमाचल सदन और विभिन्न विभागों के विश्राम गृहों में क्यूआर कोड आधारित ऑनलाईन भुगतान की सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल आने वाले पर्यटकों को सहज और यादगार अनुभव प्रदान करने के लिए बुनियादी पर्यटन ढांचे को विकसित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने पर्यटन विभाग को पर्यटकों को दी जाने वाली सेवाओं में और सुधार सुनिश्चित करने को भी कहा.
मुख्यमंत्री शिमला में प्रशासनिक सचिवों के साथ मंडे मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आयोेजित पहली राजस्व लोक अदालत से अब तक 65000 से अधिक इंतकाल के मामलों का निपटारा किया गया है. इनमें से 11420 इंतकाल के मामले और 1217 तकसीम के मामले इस वर्ष 4 और 5 जनवरी को आयोजित तीसरी राजस्व लोक अदालत में निपटाए गए. उन्होंने कहा कि अगली राजस्व लोक अदालतें 30 और 31 जनवरी को आयोजित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि तकसीम के मामलों की निपटान दर 200 प्रतिशत दर्ज की गई है. 3 दिसंबर, 2023 से 5 जनवरी, 2024 तक तकसीम के 1823 नये मामले निपटारे के लिए आए जबकि इस अवधि में तकसीम के 3544 लम्बित मामलों का निपटारा किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लंबित राजस्व मामलों को समयबद्ध निपटाने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है, जिससे राजस्व लोक अदालतों को लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को घर-द्वार पर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना का पहला चरण शुरू किया है, जिसमें राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए ई-टैक्सी परमिट की पेशकश की गई है. उन्होंने प्रदेश के विभिन्न स्थानों में स्थापित किए जा रहे ई-चार्जिंग स्टेशनों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य के स्वच्छ पर्यावरण को संरक्षित करने और 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्टार्ट-अप योजना के दूसरे चरण में युवाओं को स्वरोजगार उद्यम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. इसके तहत युवा 100 किलोवाट, 200 किलोवाट और 500 किलोवाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित कर सकेंगे. योजना के तहत लाभार्थी को जमानत राशि के रूप में मात्र 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा जबकि 70 प्रतिशत बैंक ऋण की सुविधा सरकार द्वारा दी जाएगी तथा 30 प्रतिशत इक्विटी भी सरकार उपलब्ध करवाएगी. उन्होंने इस स्टार्ट-अप योजना के तहत किसानों को न्यूनतम आय देने के लिए योजना बनाने के निर्देश भी दिये.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार