धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का दावा करने वाली सुक्खू सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में ही कानून व्यवस्था बेहाल हो गई है. आलम यह है कि अब शिक्षण संस्थान संचालकों को भी निशाना बनाया जा रहा है, अरनी यूनिवर्सिटी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. यह आरोप प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश शर्मा ने रविवार को जारी प्रेस बयान में लगाए.
राकेश शर्मा ने कहा कि शिक्षण संस्थान शिक्षा का मंदिर होते हैं, जब इन शिक्षा के मंदिरों को चलाने वाले ही सुरक्षित नहीं हैं, जहां पर हर वर्ग के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं तो आम जनता कैसे सुरक्षित महसूस करेगी. जब शैक्षणिक संस्थान संचालक पर हमला हो सकता है तो बच्चों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित हो सकती है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीएम कहते हैं कि पिछले पांच साल में प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ी जिसे हमने आकर सुधारा है, सुधारने का काम किया जा रहा है, या बिगाड़ने का यह आए दिन पेश आ रही घटनाओं से साफ नजर आ रहा है.
राकेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू हर सभा में व्यवस्था परिवर्तन की बात कहते नहीं थकते, किस तरह का परिवर्तन उन्होंने अपने एक साल में प्रदेश में किया है, इस बारे भी उन्हें स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
राकेश शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है कि विद्युत बोर्ड के कर्मियों व पेंशनर्स को 52 वर्ष में पहली बार वेतन व पेंशन के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है. प्रदेश सरकार ने 300 यूनिट बिजली फ्री देने की बात कही थी, जबकि 125 यूनिट फ्री बिजली की सब्सिडी भी सरकार की ओर से विद्युत बोर्ड को समय पर जमा नहीं करवाई जा रही है, जिससे कि विद्युत बोर्ड को कर्मियों व पेंशनर्स को वेतन व पेंशन देने के लाले पड़ गए हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार