शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने की कवायद कर रही है. डेयरी क्षेत्र को विस्तार प्रदान कर प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है. दुग्ध उत्पादन में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य में पिछले एक साल में 102 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट (एएमसीयू) में स्थापित किए हैं. वर्तमान में प्रदेश में 455 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट कार्यशील हैं. एक सरकारी प्रवक्ता ने रविवार (07 जनवरी) को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दुग्ध उत्पादकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से दूध का खरीद मूल्य 6 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है. यह निर्णय दुग्ध उत्पादकों की खुशहाली और समृद्धि की दिशा में सहायक सिद्ध होगा.
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत अब तक 106 बल्क मिल्क कूलर लगाए जा चुके हैं. दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए सोसायटी स्तर पर राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत 35 केन मीटर कूलर प्रदान किए गए हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में सहकार को बढ़ावा प्रदान कर ग्रामीणों की उन्नति के द्वार खोल रही है. डेयरी क्षेत्र के विकास में सहकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर समितियों को संगठित किया जा रहा है. वर्तमान में इन समितियों की संख्या बढ़कर 1,107 हो गई है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में श्वेत क्रांति की शुरूआत कर प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान से महत्त्वाकांक्षी हिम गंगा योजना आरम्भ की है. योजना के तहत प्रथम चरण में लोगों को जागरूक करने के लिए समितियां गठित की गई हैं. जिला हमीरपुर और कांगड़ा में 201 नई दुग्ध सहकारी सोसायटियों का गठन किया गया है. जिला हमीरपुर में 11 महिला सोसायटियां और जिला कांगड़ा में 8 महिला सोसायटियां गठित की गई हैं जो प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को इंगित करती हैं.
उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिला में 4 सोसायटियों को पुनर्गठित किया गया है. इन दुग्ध सहकारी सोसायटियों के माध्यम से 4064 किसानों को जोड़ा गया है. डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि डेयरी फार्मिंग से जुड़े किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिला कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक पूर्ण रूप से स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा. इस परियोजना के प्रथम चरण में 180 करोड़ रुपये के निवेश से संयंत्र का निर्माण किया जाएगा. इस संयंत्र के स्थापित होने से दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, स्वादिष्ट दूध, खोया और मोजेरेला पनीर सहित विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पाद तैयार किए जाएंगे.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार