शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार (5 जनवरी) को नई दिल्ली में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से भेंट की. मुख्यमंत्री ने आर.के. सिंह के साथ राज्य में एसजेवीएन और एनएचपीसी द्वारा निष्पादित बिजली परियोजनाओं में विलंबित रॉयल्टी के कारण होने वाली राजस्व हानि के कारण प्रदेश के हितों की रक्षा के बारे में विचार-विमर्श किया. उन्होंने राज्य की विद्युत नीति के तहत मुफ्त बिजली देने का आग्रह किया तथा चालीस वर्ष के बाद यह परियोजनाएं राज्य को वापिस मिलने पर भी बल दिया.
केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की कि विद्युत परियोजनाओं में राज्य को कम से कम 12 प्रतिशत न्यूनतम रॉयल्टी मिलनी चाहिए. उन्होंने रॉयल्टी के मामले और राज्य सरकार की चिंता के अन्य सभी विषयों की समीक्षा एक स्वतंत्र प्राधिकरण के रूप में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के साथ दोनों पक्षों के अधिकारियों की टीम द्वारा करने का सुझाव दिया ताकि राज्य को इसका उचित हिस्सा मिल सके. उन्होंने मुख्यमंत्री के आग्रह पर 20 जनवरी तक समीक्षा पूर्ण करने पर सहमति व्यक्त की.
मुख्यमंत्री ने राज्य में चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट मीटरों की स्थापना को बढ़ाने के अलावा स्थापना की समय सीमा बढ़ाने और बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भारत सरकार द्वारा धन जारी करने की पूर्व शर्त के रूप में इसे न जोड़ने का भी आग्रह किया. केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए सहमति जताई.
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री द्वारा प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के उनके दौरे के दौरान की गई घोषणाओं को पूरा करने का भी आग्रह किया. उन्होंने पांगी में 400 किलोवाट की दो सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए दस करोड़ रुपये जारी करने का भी आग्रह किया, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति व्यक्त की.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार