मंडी: मंडी के अलाथु में 100 करोड़ की लागत से बनने वाला स्पोर्ट्स स्टेडियम जमीन पर उतरने से पहले ही फाइलों में दम तोड़ने लगा है. इस स्पोर्ट्स स्टेडियम के निर्माण को लेकर मंडी के नेता और संबंधित विभाग कोई दिलचस्पी नहीं दिख रहे हैं. जिसके चलते केंद्र सरकार की इच्छा के बावजूद यह स्टेडिम कागजों से बाहर आकर जमीन पर नहीं उतर पा रहा है.
मंडी के पन्ना लाल रक्षा मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश कपूर ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मंडी के अलाथू में यह स्पोर्ट्स स्टेडियम पिछले कई वर्षों पहले बनना प्रस्तावित हुआ था. इस स्टेडियम के लिए डीपीआर भी बनकर तैयार हो गई थी. करीब एक सौ बीघा जमीन में बनने वाले इस स्टेडियम को केंद्र सरकार की खेलो इंडिया योजना के तहत बनाया जाना था. जिसके तहत यहां पर सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण होना था. मगर मंडी के कुछ नेताओं और संबंधित विभागों की लापरवाही के चलते यह कार्य सिरे नहीं चढ़ पा रहा यही कारण अभी तक यह स्पोर्ट्स स्टेडियम नहीं बन पाया है. लोक निर्माण , राजस्व और वन विभाग को इसकी डीपीआर तैयार करने की जि मेदारी सौंपी गई थी और नोडल एजेंसी के रूप में लोक निर्माण विभाग को कार्य करना था.
उन्होंने बताया कि यह स्पोर्ट्स स्टेडियम छह पंचायतों के संगम स्थल अलाथू में बनना प्रस्तावित है. जिससे सभी सभी पंचायतों के लोगों को फायदा होगा. वही पर संबंधित पंचायतों की ओर इस स्टेडियम के लिए एनओसी दे दी है. राजेश कपूर ने कहा कि इसके लिए उन्होंने खेल विभाग से भी बात की है. परंतु कुछ नेताओं के कारण यह स्टेडियम नहीं बन पा रहा है.
राजेश कपूर ने कहा कि नशा मुक्त हिमाचल मुहीम के लिए सरकार, प्रशासन और राजनेताओं के सहयोग की जरूरत है. मगर शासन और प्रशासन इस दिशा में गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर इस पर गंभीरता से काम होता तो हिमाचल में इस तरह के नशीले पदार्थ नहीं पहुंचते. आज छोटे-छोटे बच्चे भी इस कारोबार से जुड़ रहे हैं. युवा पीढ़ी नशे की गिर त में जा रही है और कई युवाओं की इसकी वजह से मौत हो रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस, सरकार और प्रशासन में भी गाय की शक्ल में भेड़िए छुपे हुए हैं. जिनकी वजह से यह कारोबार फल फूल रहा. उन्होंने कहा कि इसका सबसे बेहतर इलाज समाज खासकर महिलाओं और युवाओं को जागरूक करना है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से वे महिलाओं और युवाओं के बीच इस मुहीम को चला रहे हैं और करीब चालीस हजार महिलाओं तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक नशे की डिमांड खत्म नहीं होगी सप्लाई किसी न किसी रूप में जारी रहेगी. इसलिए युवा पीढ़ी को नशे की गिर त से बाहर निकालने के लिए युवाओं को खेल के साथ जोड़ना जरूरी है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार