शिमला: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने युवाओं का आह्वान किया कि ‘एक देश-श्रेष्ठ देश’ की परिकल्पना के साथ वे आजादी के अमृत काल में राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें. उन्होंने कहा कि किसी भी देश का युवा उस राष्ट्र की समृद्धि और पहचान है. उनकी सोच और सपनों से ही देश आगे बढ़ेगा.
राज्यपाल गुरूवार को हिमाचल राजभवन में मीडिया छात्र एसोसिएशन एवं इंडियन मीडिया सेंटर-हरियाणा द्वारा पंचनद शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘‘सांस्कृतिक अध्ययन यात्रा 2024’’ में शामिल कश्मीरी विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे. लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित थीं.
उन्होंने एसोसिएशन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक अध्ययन यात्रा की पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक है और हमें एक-दूसरे के सुख और दुख में सहभागी होना चाहिए, जो इस यात्रा का उद्देश्य भी है. उन्होंने कहा कि शहीदों की कुर्बानियों से मिली आजादी के बाद भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखना प्रत्येक युवा का कर्तव्य है. यह भावना ऐसी सांस्कृतिक अध्ययन यात्रा से और प्रगाढ़ होती है.
शुक्ल ने प्रसन्नता व्यक्त की कश्मीर के विद्यार्थी अध्ययन यात्रा के माध्यम से दोस्ती का पैगाम लेकर जा रहे हैं ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को एहसास हो सके कि संपूर्ण देश उनके सुख और दुख में उनके साथ खड़ा है. उन्होंने कहा कि कश्मीर की लड़कियां बड़ी संख्या में इस दौरे में हिमाचल आई हैं, जो यह बताता है कि अब कश्मीर में कितना बदलाव है. पंचायत चुनावों के बाद निचले स्तर तक लोगों ने अपने अधिकारों के बारे में जाना है. उन्होंने कहा कि कश्मीर की उन्नत सांस्कृतिक विरासत है और भाई-चारे के लिए जाना जाता है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल और जम्मू-कश्मीर पर्यटन की दृष्टि से भी दुनिया को आकर्षित करता है. यह अवसर हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण और समृद्ध अनुभव का प्रतीक भी है, क्योंकि यह यात्रा कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत संस्कृतियों को जोड़ती है. उन्होंने कहा कि हमारी विविधता हमारी ताकत है, और इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से, हमें एक-दूसरे के बारे में अपनी समझ को गहरा करने, भौगोलिक सीमाओं से परे एकता की भावना को बढ़ावा देने का अवसर देता है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार