शिमला: हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों ने सैलरी में 52 साल में पहली बार देरी होने और ओपीएस की बहाली ना होने पर बुधवार (3 जनवरी ) को बोर्ड मुख्यालय कुमारहाउस में विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने चेताया कि कांग्रेस सरकार ने अगर फरवरी से पहले ओपीएस बहाली और बोर्ड में स्थायी प्रबन्ध निदेशक की नियुक्ति नहीं की तो भविष्य में यह विरोध प्रदर्शन बड़े आंदोलन का रूप लेगा.
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी व इंजीनियर ज्वाइंट फ्रंट के सहसंयोजक हीरा लाल ने बताया कि 52 साल के इतिहास में पहली बार कर्मचारियों को 3 जनवरी होने पर तनख्वाह नहीं मिली है जो कि पहले एक तारीख को मिल जाती थी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में ओपीएस बहाल कर दी है लेकिन बिजली बोर्ड की कर्मचारियों को अभी तक इससे वंचित रखा गया है जिसके कारण कर्मचारी हताश हैं. मुफ्त की बिजली देने के सरकार के फैसले और बोर्ड के कुप्रबंधन चलते बिजली की हालत खस्ता है. बोर्ड में एमडी की स्थायी नियुक्ती नही हुई है.
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान एमडी के पास डबल चार्ज के कारण बिजली बोर्ड में समय नहीं दे रहे हैं जिसके चलते कई प्रॉजेक्ट लटके पड़े हैं और बिजली बोर्ड घाटे में है. लिहाजा कर्मचारियों को जल्द ओपीएस बहाल की जाएं और एमडी की बोर्ड में स्थायी नियुक्ती की जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानी से कर्मचारियों को जूझता ना पड़े. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अगर जल्द मांगे न मानी तो आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा और जरुरत पड़ने पर इसे उग्र किया जाएगा.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार