सोलन: सोलन जिला में बीती बरसात से हुए नुकसान के कारण क्षतिग्रस्त पारम्परिक सम्पर्क मार्गों को शीघ्र ठीक करवाएं और यह सुनिश्चित बनाएं कि क्षेत्र में पारम्परिक जल स्त्रोतों का दीर्घ अवधि तक उपयोग हो सके. हिमाचल प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति ने उपायुक्त सोलन को मंगलवार को यह निर्देश दिए हैं .
समिति ने विगत वर्ष भारी वर्षा के कारण परवाणु-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग व राष्ट्रीय उच्च मार्ग को हुई क्षति को जनहित में शीघ्र ठीक करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई) एवं अन्य विभागों की संयुक्त बैठक शीघ्र बुलाने के निर्देश भी दिए.
समिति ने बैठक के उपरांत राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्की मोड़ के समीप हुए भारी नुकसान का जायजा लिया और एन.एच.ए.आई के अधिकारियों से भविष्य के बचाव की जानकारी प्राप्त की. उन्होंने निर्देश दिए कि जिला प्रशासन एवं एन.एच.ए.आई इस मार्ग को युद्ध स्तर पर ठीक करने के लिए कार्य करें.
प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति ने यहां कार्यकारी सभापति एवं चम्बा ज़िला के चुराह के विधायक डॉ. हंसराज की अध्यक्षता में इस विषय पर उपायुक्त सोलन एन.एच.ए.आई एवं अन्य विभागों के साथ बैठक कर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की और उचित दिशा-निर्देश जारी किए.
बैठक में समिति के सदस्य एवं कांगड़ा जिला के शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया और सदस्य एवं कांगड़ा ज़िला के इंदोरा के विधायक मलेन्द्र राजन ने भी बहुमूल्य सुझाव प्रस्तुत किए. बैठक में सोलन जिला के कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी विशेष रूप से उपस्थित रहे.
समिति के कार्यकारी सभापति डॉ. हंस राज ने कहा कि गत वर्ष हिमाचल प्रदेश को आपदा के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि आपदा को रोका नहीं जा सकता किंतु समय पर किए गए एहतियाती उपायों से कम किया जा सकता है. इसके लिए विभिन्न विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं और स्थानीय निवासियों के मध्य बेहतर तालमेल होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के क्षेत्र विशेष की भौगोलिक परिस्थिति स्थानीय निवासी बेहतर जानते हैं. ऐसे में यह आवश्यक है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, निर्माण कार्य में स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की सहायता लें.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार