शिमला: ट्रक चालकों की देशव्यापी हड़ताल के चलते प्रदेश भर में पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति में कमी आई है. राजधानी शिमला में भी अधिकतर पेट्रोल पंपों में तेल रिजर्व स्तर तक पहुंच चुका है. अधिकतर पेट्रोल पंपों पर एक दिन का ही तेल बचा है. कई स्थानों पर सोमवार रात से ही लंबी लाइन दिखना शुरू हो गई. कई जगहों पर पंपों का तेल समाप्त हो चुका है.
प्रदेश में हड़ताल का आंशिक का असर दिखाई देना शुरू हो गया है. अधिकांश पेट्रोल पंप पर आज शाम तक का तेल बचा हुआ है. इसी बीच परिवहन निगम की बसों ने भी कर रूटों पर क्लबिंग शुरू कर दी है. परिवहन निगम के अधिकारियों ने बस चालकों को तेल बचाने के निर्देश दिए हैं ताकि जनता को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान की जा सके. इस बीच ड्राइवरों की हड़ताल को कई ट्रक यूनियन और बस ऑपरेटर का भी समर्थन मिल रहा है.
उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने पेट्रोल पंप संचालकों को आपातकालीन वाहनों को तेल उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि तेल संकट की स्थिति पर नजर रखी जा रही है और आपातकालीन सेवाओं को बनाए रखने के लिए तेल रिजर्व रखा गया है.
वहीं, उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने भी हड़ताल के कारण जिले में पेट्रोल-डीजल आपूर्ति की संभावित कमी और आपातकालीन तथा आवश्यक सेवाओं पर उसके असर को देखते हुए जिला के पेट्रोल पंप ऑपरेटर्स को आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए पेट्रोल-डीजल का न्यूनतम रिजर्व बनाए रखने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के मुताबिक पेट्रोल पंप्स ऑपरेटर्स को पंप की भंडारण क्षमता के मुताबिक आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए न्यूनतम रिजर्व रखने को कहा गया है. 25000 लीटर से अधिक भंडारण क्षमता के पेट्रोल पंप्स में 3000 लीटर डीजल और 2000 लीटर पेट्रोल तथा 25000 लीटर से कम भंडारण क्षमता के पेट्रोल पंप्स में 2000 लीटर डीजल और 1000 लीटर पेट्रोल रिजर्व रखने का आदेश दिया गया है.
किसी भी डीलर को एक समय में 10 लीटर से अधिक की रिफिलिंग ना करने की हिदायत दी गई है. अतिआवश्यक होने की स्थिति में संबंधित एसडीएम की पूर्व मंजूरी आवश्यक होगी. पेट्रोल-डीजल को किसी भी प्रकार के कंटेनर में भरकर ले जाने की अनुमति नहीं होगी. आपातकालीन वाहनों (एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि) और सार्वजनिक परिवहन को तेल भरवाने में प्राथमिकता दी जाएगी. इस अवधि में पेट्रोल-डीजल की होर्डिंग और कालाबाजारी से कड़ाई से निपटा जाएगा. इसका उल्लंघन करने वालों पर हिमाचल प्रदेश होर्डिंग और प्रॉफिटियरिंग प्रवर्तन आदेश 1977 की धारा 3(1) (सी) के अनुसार कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार