शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार ने नए साल के पहले दिन आयोजित की गई कैबिनेट बैठक में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए योजना लाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है, जिससे यह बच्चे शिक्षा से वंचित न रहे अपितु स्कूली शिक्षा के साथ ही उच्चतम शिक्षा की ओर भी सरकार इन्हें सुविधाएं मुहैया करवाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का दिव्यांग बच्चों को अत्याधूनिक शिक्षा मुहैया करवाने पर जोर रहेगा.
युवाओं को अपनी जमीन में सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने पर इक्विटी देगी सरकार
नए साल की पहली कैबिनेट बैठक में सुक्खू सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के द्वितीय चरण में सौर उर्जा योजना को मंजूरी दी है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को अपनी जमीन पर सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने को सरकार मदद करेगी. मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि इस योजना से तीन बीघा या अधिक की जमीन पर यदि युवा सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाते हैं तो सरकार सिर्फ प्रोजेक्ट को लगाने के लिए 10 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी लेगी और युवाओं को प्रतिमाह 20 हजार से 1 लाख तक की आय भी सुनिश्चित होगी .
उन्होंने कहा कि यह योजना 100 किलोवाट से 500 किलोवाट तक क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं (एसपीपी) को स्थापित करने पर केंद्रित है. यह योजना राज्य के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में मील पत्थर साबित होगी. यह योजना 21 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं को उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ कौशल विकास को प्रोत्साहित करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत प्रतिभागियों को तीन बीघा भूमि पर 100 किलोवाट क्षमता की परियोजना स्थापित करने के लिए 25 वर्षों तक लगभग 20,000 रुपये मासिक आय और क्रमशः पांच और दस बीघा भूमि में स्थापित की जाने वाली 200 किलोवाट और 500 किलोवाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए 40,000 रुपये व एक लाख प्रतिमाह मासिक आय प्राप्त होगी.
योजना के तहत, वित्तपोषण में राज्य सरकार द्वारा 70 प्रतिशत बैंक ऋण उपलब्ध करवाने में सहायता और राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत इक्विटी प्रदान की जाएगी. सौर ऊर्जा डेवलपर को केवल 10 प्रतिशत जमानत राशि जमा करवानी होगी. यह जमानत राशि 25 वर्षों के उपरान्त डेवलपर को वापिस कर दी जाएगी.
8 जनवरी से 12 फरवरी तक सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने 8 जनवरी से पूरे राज्य में ‘सरकार गांव के द्वार’ शुरू करने को भी स्वीकृति प्रदान की. इस दौरान 12 फरवरी तक गांवों के समूहों में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद किया जाएगा. सुक्खू ने कहा कि 8 जनवरी से 12 फरवरी तक सरकार के सभी विधायक, चुनाव में रहे प्रत्याशी और मंत्री सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत गांव गांव जाकर सरकार की 1 साल की योजनाओं की जानकारी देंगे और समस्याओं का भी निपटारा करेंगे.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार